GDP: विदेशों में जिस तरह से आईटी कंपनियों में छंटनी हो रही है। उससे इंजीनियरिंग के छात्रों के सामने संकट बढ़ता जा रहा है। इसका असर भारत की जीडीपी पर भी पड़ेगा। इससे देश की घरेलू जीडीपी प्रभावित होगी। यह कहना है प्रमुख अर्थशास्त्रियों का। भारत से आउटसोर्स करने वाली विदेशी आईटी कंपनियों में तेजी से नौकरियों में कटौती की जा रही है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है। विदेशी कंपनियों में नौकरी कटौती से इंजीनियरिंग छात्रों के सामने नौकरी का संकट खड़ा हो रह है। जिन युवाओं ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) में अपना करियर बनाने का सपना देखा था आज उनके सामने भविष्य अंधकार में है।
वैश्विक अनिश्चितता से मंदी का खतरा
आईटी एक ऐसे क्षेत्र है। जिसने 1990 के बाद से भारत के नौकरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा लोगों को नौकरियां दी हैं। टीमलीज ने अभी आने वाले दिनों में 40 प्रतिशत छंटनी की आशंका जताई है। हालांकि पहली छमाही में ये संख्या 20-25 प्रतिशत कर्मचारी तक घट सकती है। बड़ी संख्या में विदेशों में आईटी कंपनियां अपने यहां छंटनी कर रही हैं। भारत से जो लोग अमेरिका में वीजा लेकर गए थे। उनके सामने देश में वापसी के अलावा और कोई चारा नहीं है। लिहाजा देश में इनके लिए नौकरी के अवसर खोजने में काफी परेशानी होगी।
अमेरिकी बैंकिंग संकट ने बढ़ाई चिंता
जानकारों की माने तो कोरोना महामारी के बाद के दौर में कंपनियों ने बाजार की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन में बढ़ोतरी की है। इससे आईटी कंपनियों की तेजी से भर्तियां भी की गईं। लेकिन पिछले साल 2022 के अंतिम महीनों में वैश्विक आर्थिक संकट के बढ़ने और बढ़ती मंदी के सामने यह भर्ती अभियान फीका पड़ गया। नतीजा अमेरिका के तीन बैंकों के दिवालिया होने और क्रेडिट सुइस संकट के कारण वैश्विक वित्तीय उद्योग बुरी तरह से हिल गया।
आईटी क्षेत्र में आमतौर पर देश में हर साल 15 लाख इंजीनियरों में से 20-25 प्रतिशत को नौकरी मिलती है। लेकिन, आईटी क्षेत्र के अनिश्चित भविष्य ने छात्रों के सामने गंभीर संकट खड़ा किया है। लागत घटाने के कारण कंपनियों ने छात्रों की इंटर्नशिप खत्म् कर दी है।
एलटीआईमाइंडट्री और विप्रो ने लागत घटाने के लिए वेतन में कटौती शुरू कर दी है।
जीडीपी के लिए महत्वपूर्ण आईटी क्षेत्र
घरेलू जीडीपी में आईटी क्षेत्र का योगदान करीब 8 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि 30 साल पहले यह सिर्फ एक प्रतिशत से कम था। भारतीय टेक में 54 लाख से अधिक लोग नौकरी करते हैं। इसमें आईटी क्षेत्र की भागीदारी सबसे ज्यादा है।
2022-23 में आईटी क्षेत्र में करीब 2.90 लाख युवाओं को नौकरियां मिली है। आईटी के कर्मचारी मकान, कारों, यात्रा और अपने मनोरंजन पर बहुत खर्च करते हैं। छंटनी के कारण मार्च तिमाही में इनकी निजी खपत में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। भारतीय इंजीनियरों को आईटी क्षेत्र के बाहर नौकरी खोजने में काफी मुश्किल आ सकती है। इससे फंडिंग की कमी से स्टार्टअप में छंटनी होगी।