केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और गिरिराज सिंह समेत कई भाजपा सांसद मंगलवार को लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश किए जाने के दौरान मौजूद नहीं रहे। खबरों के मुताबिक, भाजपा करीब 20 सांसदों को नोटिस भेजने की योजना बना रही है जो सदन में मौजूद नहीं थे।
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल और भागीरथ चौधरी राजस्थान सरकार के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम के लिए जयपुर में थे। कुछ अन्य लोगों ने भी निजी और पेशेवर व्यस्तताओं का हवाला देते हुए फ्लोर मैनेजरों को सूचित किया था। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने शेष अनुपस्थित सांसदों से स्पष्टीकरण मांगने की योजना बनाई है। भाजपा के एक नेता ने मीडिया को बताया, नेतृत्व नाराज है और बुधवार को एक बैठक होगी जिसमें इस मामले पर चर्चा की जाएगी, जबकि पहले से व्हिप जारी किया गया था।
भाजपा ने पहले अपने लोकसभा सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप भेजा था, जिसमें उन्हें सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया था। संविधान (129वां संशोधन) विधेयक को मेघवाल ने करीब 90 मिनट की बहस के बाद पेश किया, जिसके बाद मतदान हुआ। कुल 269 सदस्यों ने विधेयक का समर्थन किया, जबकि 198 ने इसके खिलाफ मतदान किया। सांसदों की अनुपस्थिति ने संविधान में संशोधन करने और एक साथ संसदीय और राज्य चुनाव कराने के लिए बनाए गए दो विधेयकों को पेश करने पर कोई असर नहीं डाला।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने संवाददाताओं से कहा कि निस्संदेह सरकार के पास बड़ी संख्या है लेकिन संविधान में संशोधन करने वाले विधेयकों को पारित करने के लिए आपको 2/3 बहुमत की आवश्यकता है, जो उनके पास स्पष्ट रूप से नहीं है। वहीँ कानून मंत्री मेघवाल ने केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक भी पेश किया, जिसमें पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेशों में चुनावों को लोकसभा चुनावों के साथ जोड़ने का प्रावधान है। विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है।