Mutual Fund: वितरकों के अब बिना डायरेक्ट प्लान में निवेश की सुविधा देनी होगी। सितंबर 2023 से सेबी अपने नए नियम लागू करेगी। सेबी ने कहा कि पिछले कुछ सालों से म्यूचुअल फंड की डायरेक्ट प्लान स्कीम पर निवेशकों का रूझान बढ़ा है। यह स्कीम रेगुलर प्लान की अपेक्षा सस्ती होती है। इसमें वितरकों को कमीशन नहीं मिलता है।
सेबी ने दिए निर्देश
सुरक्षा के लिहाज से सेबी ने फंड हाउसों से कहा कि वे निवेशकों को सीधे प्लान में निवेश की सुविधा बिना वितरकों की सहायत के दें। इसके लिए एग्जिक्यूशन वोनली प्लेटफॉर्म है। इस पर डायरेक्ट प्लान का लेनदेन किया जा सकता है। इस नए नियम को एक सितंबर 2023 से लागू किया जाएगा।
सेबी ने कहा कि पिछले कुछ सालों से म्यूचुअल फंड की डायरेक्ट प्लान स्कीम में निवेशकों का रूझान दिखा रहा है। यह स्कीम रेगुलर प्लान की अपेक्षा सस्ती होती है। इसमें वितरकों को कमीशन नहीं मिल पाता है। इस कारण से अब ढेर सारे कंपनियां ये सुविधा को देने के लिए बाजार में आ गई हैं। सेबी ने इस मामले में पाया कि निवेश सलाहकारों के साथ मिलकर संस्थान और ब्रोकर्स फंड खरीदने और बेचने की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे प्लेटफॉर्म पर वो निवेशक भी आ जाते हैंं जो ग्राहक नहीं हैं। अभी ऐसे प्लेटफॉर्म के लिए कोई नियामकीय नियम नहीं बनाए गए हैं।
सेबी के आदेश को चंद्रा की चुनौती
एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और जी इंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लि.(जेडईईएल) के प्रबंध निदेशक पुनीत गोयनका ने सेबी के इस आदेश को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) में चुनौती दी है। सेबी ने अपने आदेश में दोनों को किसी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या अन्य प्रमुख पदों के लेने से रोक लगाई है। सूत्रों बताया कि सैट कल गुरुवार को इस पर सुनवाई करेगा।