मुसलमानों के खिलाफ उत्तेजक और घृणास्पद भाषण” देने का आरोप में बेंगलुरु के जन प्रतिनिधि विशेष (मजिस्ट्रेट) अदालत में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। हिंदुस्तान टाइम्स वेबसाइट की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री के खिलाफ हेब्बल के जियाउर रहमान नोमानी ने 23 मई को 42वें एसीएमएम कोर्ट में ये केस दर्ज कराया है। शिकायत के मुताबिक प्रधानम्नत्री मोदी ने राजस्थान में अपने चुनावी भाषण में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह देश के लोगों की संपत्ति छीनकर मुसलमानों में बांट देगी।
नोमानी ने अपनी शिकायत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का वह भाषण मुसलमानों के लिए अपमानजनक है, उनके भाषण का मतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी मुसलमानों को देश की संपत्ति लूटने वाले आक्रमणकारियों के जैसा मानते हैं।नोमानी ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी समुदायों के बीच नफरत को भड़काती है और सार्वजनिक सद्भाव को भारी चोट पहुंचती है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई बेहद ज़रूरी है। केस की सुनवाई 28 मई निर्धारित की गयी है.
वादी जियाउर रहमान नोमानी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनाव सभा में दिया गया कथित भाषण बेहद आपत्तिजनक और मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने वाला है। नोमानी ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अमृतहल्ली पुलिस स्टेशन को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाए। नोमानी ने कोर्ट से ये भी मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ धारा 153 ए , 153 बी , 295ए , 503 और 504 और 505(2) वाली धाराओं में केस दर्ज किया जाए। पुलिस ने चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए नोमानी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद नोमानी ने 27 अप्रैल को बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद को भी मेल करके अपनी शिकायत भेजी थी, लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा मिली।