नई दिल्ली। वर्चुअल डिजिटल एसेट यानी ऐसे ऐसेट्स जो भारतीय या विदेशी करेंसी नहीं होते हैं। बल्कि डिजिटल फॉर्मेट में होते हैं। वर्तमान समय में VDA के सबसे बड़े उदाहरण क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, इथीरियम आदि। दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने क्रिप्टो और अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) से कमाई करने वाले लोगों के लिए ITR फॉर्म में बदलाव किए हैं। 2022 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाए जाने का ऐलान किया गया।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने जारी किए नए फार्म
ऐलान के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स यानी CBDT ने जब Assessment Year 2023-24 यानी FY 2022-23 के लिए नए फॉर्म जारी किए तो इन फॉर्म्स में वर्चुअल डिजिटल एसेट जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए अलग से सेक्शन रखा गया है।
VDA के लिए बनाए गए नए शेड्यूल में बताना होगा कि वर्चुअल डिजिटल एसेट कब खरीदा और कब बेचा है। खरीद कीमत क्या है और इसकी बिक्री से कितना मुनाफा हुआ। ऐसे में अगर FY 2022-23 में VDA की खरीद-बिक्री से कमाई की है तो ये सारी जानकारियां ITR भरने से पहले जमा करना होगा। बता दें कि VDA को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 2(47) में रखा गया है।
पिछले साल किया था टैक्स लगाने का ऐलान
इसमें क्रिप्टोकरेंसी, नॉन फंजिबल एसेट और सरकार से नोटिफाई किए गए अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट आते हैं। सरकार ने पिछले साल के बजट में VDA पर टैक्स लगाने का ऐलान किया, जिसे देखते हुए FY 2022-23 के फॉर्म में ये बदलाव किए गए हैं। VDA के लिए लाए गए नए शेड्यूल से सारी जरूरी जानकारियां रहेगी।
इन फार्म में नहीं हुए बदलाव?
ITR-1 और ITR-4 भरने वाले टैक्सपेयर्स के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है। आपको बता दें कि ITR-1 में ऐसे टैक्सपेयर्स आते हैं जिनकी सालाना कमाई 50 लाख रुपये तक है और उन्हें सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी या किसी अन्य जरिए जैसे कि ब्याज से कमाई होती है। वहीं ITR-4 में ऐसे टैक्सपेयर्स को कवर किया जाता है लेकिन उन्हें इनकम टैक्स के सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत बिजनेस या प्रोफेशन से भी आय होती है।