रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा से सपा विधायक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता एक बार छिन गयी है. विधानसभा सचिवालय के तरफ से एक अधिसूचना जारी कर बताया गया है कि स्वार टांडा सीट रिक्त कर दी गई है. अब इस सीट पर एकबार फिर चुनाव होगा। अब्दुल्ला आज़म के साथ ऐसा दूसरी बार हुआ है, पिछली बार उनपर फर्जी प्रमाणपत्र को लेकर कार्रवाई हुई थी. तब उन्हें दो साल से ज्यादा की सजा हुई थी और इस सजा की वजह से उनकी विधायकी छिनी गई थी.
15 साल पुराने मामले में मिली सजा
बता दें कि मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 15 साल पुराने मामले में सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी, हालाँकि इस मामले में सात लोगों को दोषमुक्त कर दिया था. बता दें कि 2008 में आजम खान के काफिले को जांच के दौरान रोके जाने को लेकर वो भड़क गए थे और सड़क पर ही धरना प्रदर्शन करने लगे थे. इसके बाद वहां पर काफी संख्या में समर्थक आ गए थे और मीलों लम्बा जाम लग गया था. तब छजलैट थाना पुलिस ने आजम खान समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसका फैसला पिछले सोमवार को आया.
दोनों को ज़मानत भी मिली
इस मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट की न्यायाधीश स्मिता गोस्वामी ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को दो-दो साल की सजा और तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. एमपी/ एमएलए कोर्ट ने अपने फैसले में धारा 341 में एक महीना सजा और 300 रुपये का जुर्माना, धारा 353 में दो साल की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना वहीँ आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम की धारा-7 में छह महीने की सजा और 500 रुपये का जुर्माना लगाया है. बता दें की ये सभी सजा एक साथ चलेंगी. हालाँकि अदालत ने आज़म खान और अब्दुल्लाह आज़म को ज़मानत दे दी है.