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CMII: सरकारी क्षेत्र निवेश में 68% की कमी, लोकसभा चुनाव से पूर्व नए निवेश में नरमी संभव

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CMII: सरकारी कंपनियों में नए निवेश में 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में 5 प्रतिशत गिरावट रही थी। जुलाई-सितंबर 2023 में यह गिरावट बढ़कर 68 प्रतिशत तक पहुंच गई है। निजी कंपनियों के निवेश प्रस्तावों में 55 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। सरकारी और निजी कंपनियों में नए निवेश प्रस्तावों में चालू वित्त वर्ष 2023 की जुलाई-सितंबर अवधि में सालाना और तिमाही आधार पर गिरावट आई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के जारी आंकड़ों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले कंपनियों ने जुलाई-सितंबर 2023 तिमाही में 1.2 लाख करोड़ रुपए के नए निवेश की घोषणा की है।

निवेश का आंकड़ा अप्रैल-जून तिमाही से 82 प्रतिशत 2022-23 की जुलाई-सितंबर अवधि से 77 प्रतिशत कम है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनियों ने 6.6 लाख करोड़ के निवेश की घोषणा की गई थी। आंकड़ों के अनुसार, सरकारी कंपनियों के नए निवेश में 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में 5 प्रतिशत की गिरावट रही थी। जुलाई-सितंबर में यह गिरावट बढ़कर 68 फीसदी पहुंच गई। निजी कंपनियों के निवेश प्रस्तावों में 55 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

लोकसभा चुनावों से पूर्व गिरावट की आशंका

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अक्तूबर-दिसंबर 2023 और जनवरी-मार्च तिमाही 2024 में नए निवेश में कमी की संभावना है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले 2018-19 की पहली छमाही में 9.9 लाख करोड़ रुपए निवेश की घोषणा हुई थी। दूसरी छमाही में जो कि घटकर 9.2 लाख करोड़ रुपए रह गई थी। 2014 के लोकसभा चुनावों से पूर्व 2013-24 की पहली छमाही के मुकाबले दूसरी छमाही में निवेश 15 प्रतिशत घटा था।

सेवा क्षेत्र में सबसे अधिक नरमी

आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2023—24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में प्रत्येक क्षेत्रों में नए निवेश में भारी गिरावट दर्ज की गई है। सेवा क्षेत्र की परियोजनाओं में सबसे अधिक 93.4 प्रतिशत नरमी देखी गई। खनन क्षेत्र में 85.4 प्रतिशत और रियल एस्टेट व निर्माण क्षेत्र में 83.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है।

डीजल की बिक्री 3 प्रतिशत कम, पेट्रोल में 5 प्रतिशत का उछाल

कमजोर मांग और औद्योगिक गतिविधियां सुस्त होने से डीजल की बिक्री सितंबर में 3 प्रतिशत घटकर 58.1 लाख टन रह गई। हालांकि, पेट्रोल बिक्री 5.4 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख टन तक पहुंच गई। हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी से विमान ईंधन एटीएफ की मांग सितंबर में 7.5 प्रतिशत बढ़कर 5,96,500 किलो टन पर पहुंच गई है। रसोई गैस यानी एलपीजी की बिक्री 6 प्रतिशत बढ़कर 26.7 लाख टन पहुंच गई है। देश में बिजली खपत सितंबर में सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत बढ़कर 140.49 अरब यूनिट पहुंच गई है। सितंबर, 2022 में खपत 126.91 अरब यूनिट थी।

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