प्रयागराज में पिछले दिनों बहुजन समाज पार्टी विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके सिक्योरिटी गार्ड की हत्या के मामले में अब भाजपा कनेक्शन भी सामने आया है. इस नए खुलासे के मुताबिक पुलिस की छानबीन में इस चर्चित हत्याकांड में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्य्क्ष राहिल हसन के भाई गुलाम हसन का नाम सामने आया है. गुलाम हसन का नाम भी हत्याकांड में नामजद आरोपियों में शामिल किया गया है. हालाँकि जैसे ही गुलाम हसन का नाम इस हत्याकांड में सामने आया वैसे ही भाजपा जिलाध्यक्ष गणेश केसरवानी ने उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया है.
सदन से लेकर सड़क तक है गूँज
बता दें कि प्रयागराज में हुआ यह हत्याकांड राजनीतिक मुद्दा बन गया जिसकी गूँज सदन से लेकर सड़क तक गूँज रही है. इस हत्याकांड ने मुख्यमंत्री योगी की नींद हराम कर दी है. जीरो टोलेरेंस का ढिंढोरा पीटने वाले मुख्यमंत्री इस कांड से बहुत नाराज़ हैं और इस मामले को जल्द हल करने का पुलिस के आला अधिकारीयों को सख्त निर्देश दिए हैं. कल रात मुख्यमंत्री आवास पर DGP, ADG, DGP डीएस चौहान एडीजी एलओ के साथ मुख्यमंत्री की करीब डेढ़ घंटा तक गहन बातचीत हुई. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुलिस की लापरवाई से बहुत नाराज़ हैं.
आपा खो बैठे योगी
दरअसल मुख्यमंत्री की नाराज़गी इसलिए ज़्यादा है क्योंकि बजट सेशन में इस घटना को लेकर नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पर जानकर प्रहार किये। इस बीच सदन में मुख्यमंत्री आपा खोते हुए भी नज़र आयी और दोनों नेताओं के बहस तू तड़ाक तक भी पहुँच गयी, बाप तक पहुँच गयी. गड़े मुर्दे उखाड़े गए. मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर बैकफुट मैंने देखा गया और शायद इसलिए उन्होंने आरोपों का जवाब देने के बजाय मुख्यमंत्री ने सपा को ही कटघरे में घेरना शुरू किया। प्रयागराज और कानपूर देहात जैसी घटनाओं के लिए मुख्यमंत्री योगी सपा के शासन को दोषी थाने लगे.