प्रयागराज। अदालतों में फैले भ्रष्टाचार मामलों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने पिछले 24 घंटे के भीतर ही दो बड़े कदम उठाए हैं। कमेटी ने जहां हाईकोर्ट में तैनात महिला सेक्शन ऑफिसर को नौकरी से बर्खास्त किया है। वहीं दूसरी ओर प्रयागराज जिला कोर्ट के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज यानी एडीजे को सस्पेंड कर आधी रात को उनका चेंबर सील करा दिया। हाईकोर्ट की इन दो कार्रवाइयों से न्यायिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में तैनात महिला सेक्शन ऑफिसर कुसुम मिश्रा पर आरोप लगा था कि उन्होंने चित्रकूट के एक व्यक्ति से नौकरी दिलाने के नाम पर दस लाख रुपए की रिश्वत ली थी। चित्रकूट के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर लिए दस लाख रुपए न तो वापस लौटाए गए और न नौकरी दिलाई गई। इस मामले की शिकायत हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी से की गई थी। प्रशासनिक कमेटी की जांच में महिला सेक्शन ऑफिसर कुसुम मिश्रा पर लगे आरोप सही मिले और उन्हें दोषी करार दिया। प्रशासनिक कमेटी ने इस आधार पर कुसुम मिश्रा को नौकरी से बर्खास्त किया है।
दूसरा मामला प्रयागराज जिला अदालत से जुड़ा है। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने यहां तैनात एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज फर्स्ट के पद पर तैनात राम किशोर शुक्ला को सस्पेंड कर दिया है। इतना ही नहीं आधी रात को उनका चेंबर और दफ्तर भी सील कर दिया गया। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी के आदेश पर डिस्ट्रिक्ट जज ने रात एक बजे कोर्ट परिसर में पहुंचकर एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज के चैंबर व दफ्तर को सील कराने की कार्यवाही की। एडीजे राम किशोर शुक्ला पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे। 24 घंटे के अंदर हुई दो बड़ी कार्रवाइयों से न्यायपालिका में हड़कंप मच गया है। इन कार्रवाइयों के पीछे हाईकोर्ट को यह सख्त संदेश देना था कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा बना है और भ्रष्टाचार के आरोप लगने से भरोसा टूटता है। ऐसे में इस तरह की कार्रवाई जरूरी होती है। इस तरह की सख्त कार्रवाई से न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा पहले की तरह कायम रहेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने हाईकोर्ट का यह कदम स्वागत के लायक बताया है।