नई दिल्ली। इस बार 2023 में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की उम्मीद है। मार्च के अंतिम सप्ताह के दौरान गंगा के मैदानी इलाकों और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री सेल्सियस अधिक होने की संभावना है।
आईएमडी के मुताबिक पूर्वोत्तर, पूर्व और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है।
सामान्य से दो-तीन डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा तापमान
आईएमडी ने आगामी गर्मी और उपायों के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में बताया कि मार्च के अंतिम सप्ताह के दौरान गंगा के मैदानी इलाकों और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है।
गर्मी को लेकर राज्यों को किया अलर्ट
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, कैबिनेट सचिव ने कहा कि सामान्य गर्मी से अधिक गर्म होने की उम्मीद है, इसलिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार रहने की आवश्यकता है।
न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना
मौसम विभाग ने मार्च से मई की अवधि के बीच तापमान में वृद्धि के संकेत दिए हैं। मार्च के दूसरे पखवाड़े के लिए पूर्वानुमान व्यक्त किया है। जिसमें कहा है कि दक्षिण भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि शेष मार्च के दौरान कोई महत्वपूर्ण गर्मी की लहरों की उम्मीद नहीं है।
मौसम का गेंहू की फसल पर प्रभाव
इस बार मौसम का गेंहू की फसल पर प्रभाव पड़ेगा। ऐसा कृषि वैज्ञानिकों का मानना है। आज की तारीख में रबी फसल की स्थिति सामान्य है और गेहूं का उत्पादन लगभग 112.18 मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जो अब तक का सर्वाधिक है। अगर तापमान में वृद्धि नहीं होती तो गेंहू की फसल इस बार उम्मीद से काफी अच्छी होती।
चुनौतियों की रूपरेखा तैयार
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस बार गर्मी से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। जिसमें हीट वेव, हीट से संबंधित बीमारियों और प्राथमिक से उपचारों को प्राथमिकता दी गई है। इन सब की चुनौतियों की रूपरेखा तैयार की गई है। राज्यों को आवश्यक दवाओं, अंतःशिरा तरल पदार्थ, आइस पैक, ओआरएस और पीने के पानी के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों रखने के निर्देश दिए हैं।