आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बिजनेस वर्ल्ड में तेज़ी से पैर फैला रहा है, इसी के साथ ये धरना भी फैलती जा रही है कि AI के आने से लोगों की नौकरियों पर तलवार लटक गयी है, वहीँ कम्पनियाँ इस नई टेक्नोलॉजी के फायदे गिनवा रही हैं। वैसे देखा जाय तो लोगों का अंदेशा गलत भी नहीं है क्योंकि नैसकॉम के चेयरमैन राजेश नांबियार के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की वजह से बीपीओ सेक्टर में नौकरियां जाने का बड़ा खतरा है हालाँकि सॉफ्टवेयर सर्विस सेक्टर में काम करने वालों के लिए चिंता की कोई बात नहीं.
पुणे में आयोजित एक संगोष्ठी में नैसकॉम के चेयरमैन ने कहा कि जो लोग process related industries में काम करते हैं, जिन्हें हम परंपरागत रूप से बीपीओ (Business Process Outsourcing) कहते हैं। उनमें एआई आने जोखिम बढ़ा है।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 48.9 अरब अमेरिकी डॉलर का बीपीएम (Business Process Management) सेक्टर काफी हद तक सरल व्यावसायिक प्रक्रियाओं के प्रबंधन से विकसित हुआ है।
एआई के असर को लेकर नौकरियों पर चिंताएं बढ़ गई हैं। विशेषकर भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए यह बात कही जा रही है जो देश के कुल जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। जो प्रोफेशनल अपने काम के तहत AI का इस्तेमाल नहीं करेंगे, उन्हें एआई का उपयोग करने वाले से रिप्लेस किया जा सकता है। नाम्बियार के मुताबिक जेनरेटिव AI ऊंचे वेतन की व्हाइट कॉलर नौकरियों को ज़्यादा प्रभावित करेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का असर शेयर बाजार विश्लेषकों और आंकड़ों की जानकारी रखने वालों की नौकरी पर असर पड़ेगा। हालाँकि इसका अल्पकालिक असर निगेटिव भले ही लगे लेकिन लम्बे समय में इसका प्रभाव हमारी सोच से कहीं ज्यादा होगा।