लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली सूची कल जारी हुई और बहुत से सिटिंग सांसदों के टिकट काट दिए गए. दिल्ली से तो पांच में चार को बदल दिया, इसी में डॉक्टर हर्षवर्धन का भी नाम है. अब डॉक्टर साहब ने राजनीती से संन्यास की घोषणा कर दी है। कल दिल्ली के ही एक और सांसद गौतम गंभीर ने राजनीती से अलविदा ले ली थी और शाम तक हज़ारीबाग़ से सांसद जयंत सिन्हा ने चुनावी राजनीति के लिए पार्टी से क्षमा याचना कर ली थी. इस तरह कल से अबतक भाजपा के तीन बड़े नामों ने राजनीती से किनारा कर लिया है.
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ. हर्ष वर्धन ने अपने सोशल मीडिया पर एक लम्बे चौड़े पोस्ट में इस बात की जानकारी दी. डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि वो आरएसएस नेतृत्व के कहने पर चुनावी राजनीति में उतरे थे. उन्होंने कहा कि पिछले तीस साल से ज्यादा का उनका राजनीतिक सफर बेहद शानदार रहा. इस सफर में पांच विधानसभा चुनाव और दो संसदीय चुनाव लड़े और जीते लेकिन अब वो वापस अपनी जड़ों की तरफ लौटना चाहते हैं.
इधर भाजपा को आज एक झटका और लगा है, भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने आसनसोल से चुनावी मैदान ही छोड़ दिया। कल उनको टिकट मिलने की घोषणा हुई थी. वहीँ संसद में बसपा सांसद दानिश अली को भद्दी भद्दी गलियां देने वाले रमेश विधूड़ी भी टिकट काटने से बहुत दुखी है, उन्होंने कटक भरे शब्दों में कहा कि वो घर पर मेहमानों के लिए नयी चादर बिछा रहे हैं। विधूड़ी ने नए प्रत्याशियों को मेहमान बताते हुए कहा कि वो तो घर आदमी हैं. रमेश विधूड़ी को मोदी जी का भक्त समझा जाता है.