पेरिस ओलम्पिक में भारतीय दल के लिए मेडल की दौड़ ख़त्म हो चुकी है, 117 खिलाडियों से लैस भारी भरकम दल भारत की झोली में सिर्फ 6 पदक ही डाल सका जिसमें एक भी गोल्ड नहीं है। इन 6 पदकों में एक सिल्वर जो नीरज चोपड़ा ने जीता और पांच कांस्य पदक हैं जिनमें दो पदक मनु भाकर के नाम हैं. विनेश फोगाट फाइनल में पहुँच चुकी थी, कम से कम सिल्वर तो उनके नाम हो ही चूका था लेकिन 100 ग्राम वजन के विवाद ने उनसे वो भी छीन लिया, वो CAS के फैसले के रहमो करम पर हैं, कोर्ट ने अगर फैसला पक्ष में दिया तो भारत की झोली में एक पदक और आ जायेगा।
इससे अलग भारत के लिए 6 मौके ऐसे बने जब पदक मिलते मिलते रह गया. 6 स्पर्धाओं में हमारे एथलिट चौथे नंबर पर रहे. चौथा नंबर एक ऐसा नंबर होता है जो एक खिलाड़ी के लिए सबसे निराशाजनक होता है, जहाँ पर वो पदक के सबसे करीब होता है. ओलम्पिक जैसे मुकाबलों में इतना करीब आकर जब पदक नहीं मिलता तो ऐसा लगता है कि किसी ने उस खिलाड़ी से पदक छीन लिया। चलिए जानते हैं कि पेरिस ओलम्पिक में इस स्थिति से कौन कौन गुज़रा।
अर्जुन बबूता 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहकर बेहद मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गए। दो कांस्य पदक जीत चुकीं मनु भाकर 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के शूट ऑफ में बाहर हो गईं, वे चौथे स्थान पर रहीं। ऐसा ही कुछ वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू के साथ हुआ। 49 किलोग्राम भार वर्ग में उतरीं मीराबाई पेरिस ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहकर बाहर हो गईं। वे महज 1 किलोग्राम से कांस्य पदक जीतने से चूक गईं। भारत की तीरंदाजी जोड़ी धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत मिश्रित टीम स्पर्धा के कांस्य पदक मैच में अमेरिका के केसी कॉफहोल्ड और ब्रैडी एलिसन की जोड़ी से हार गईं। स्कीट मिश्रित टीम स्पर्धा के कांस्य पदक मैच में Maheshwari Chauhan और अनंतजीत सिंह नरुका को भी हार का सामना करना पड़ा