बीजिंग। अमेरिका और चीन के बीच जासूसी गुब्बारों को लेकर तनाव है। अमेरिका के आसमान में एक हफ्ते तक चीनी गुब्बारा दिखाई दिया था। जिसे मार गिराया गया था। इसके बाद चीन के ऊपर अमेरिकी गुब्बारे दिखाई दिए। दोनों देश अपने गुब्बारों से जासूसी के आरोपों से मना कर रहे हैं। इस बीच, बीजिंग ने अपने गुब्बारों को ‘निगरानी वस्तु’ बताने को लेकर वॉशिंगटन की आलोचना की और इसे बेतुका करार दिया।
चीन को बदनाम करने की कोशिश
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए चीन के राजनयिक वांग यी ने आरोप लगाया कि अमेरिका उसको बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। जबकि वह खुद ऐसी नीतियों को लागू कर रहा है जो उसके प्रतिमानों के विपरीत हैं, जैसे मुक्त व्यापार।
अमेरिका का चीन को खतरा मानना गलत
उन्होंने कहा कि अमेरिका का चीन को खतरा मानने का विचार गलत है। उन्होंने कहा, यह चीन के बारे में एक गुमराह करने वाली धारणा है और इस धारणा के साथ अमेरिका चीन को बदनाम करने और शिकंजा कसने के लिए अपने सभी साधनों का उपयोग कर रहा है, और ऐसा करने के लिए अन्य देशों का सहयोग कर रहा है।
घरेलू मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की बीजिंग को लेकर गलत धारणा है। उन्होंने कहा, आसमान में कई देशों के कई गुब्बारे हैं। क्या आप उनमें से हर एक को नीचे गिराना चाहते हैं? उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया कि वह अपनी घरेलू समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की निरर्थक चीजें न करे।
दोनों ने छोड़े एक दूसरे पर जासूसी गुब्बारे
गौरतलब है कि अमेरिका ने एक सप्ताह तक देश के ऊपर मंडराने के बाद गुब्बारे को मार गिराया था। अमेरिका ने इसे जासूसी गुब्बारा बताया था। चीन ने दावा किया था कि यह मौसम संबंधी अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला गुब्बारा था। बीजिंग ने भी वाशिंगटन पर अपने क्षेत्र में जासूसी गुब्बारे भेजने का आरोप लगाया। जिसका अमेरिका ने खंडन किया।