जिस टीम के एक ही स्कोर पर चार विकेट गिर जाएँ वो भी टेस्ट मैच में तो 113 रनों पर ऑस्ट्रेलिया के आउट होने पर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया ने मौजूदा सीरीज़ की चारों पारियों में स्पिनर्स के आगे अपने को पूरी तरह नतमस्तक कर दिया है. रवि अश्विन और जडेजा में विकेट्स लेने की होड़ मची हुई है. दोनों बारी बारी पंजे लगा रहे हैं. पहली पारी में दोनों ने तीन तीन विकेट निकाले थे लेकिन दूसरी पारी में दोनों ने पूरे दस निकाल दिए. पहले टेस्ट में दोनों ने एक एक पंजा निकाला था लेकिन आज जडेजा पंजे से काफी आगे निकल गए और सात विकेट चटका दिए.
एक ही स्कोर पर चार विकेट
हालाँकि आज शुरुआत अश्विन ने की और खतरनाक दिख रहे ट्रेविस हेड को आउट कर विकटों के पतझड़ की शुरूआत की. 95 के स्कोर पर तो यह हो रहा था कि एक आ रहा था एक जा रहा था, पवेलियन में बल्लेबाज़ों को तैयार होने की हड़बड़ी में देखा जा सकता था. लाबुषाने, रेनशॉ, हैंड्सकॉम्ब, पैट कमिंस, एक ही स्कोर पर लौट गए. लाबुशेन के बाद मैट रेनशॉ अश्विन का शिकार बने. अगले ही ओवर में पीटर हैंड्सकॉम्ब , कमिंस को जडेजा ने एक ही ओवर में पवेलियन लौटा दिया . एलेक्स कैरी ने पारी को आगे बढ़ाया लेकिन उनके आउट होने के बाद सिर्फ औपचारिकता ही बची थी.
एक सेशन मैं 10 विकेट
28 रन के अंदर आठ विकेट, एक सेशन में पूरे दस विकेट, जहाँ पिच की कहानी बयान करती है वहीँ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों की स्पिन खेलने की टेक्नीक पर सवाल भी उठाया है. एक ऐसी पिच पर जहाँ गेंद का पता नहीं कितनी नीची रहेगी, जो आ रहा था और स्वीप मार रहा था और पवेलियन वापस लौट रहा था. ऑस्ट्रेलिया की इस बुरी हालत के लिए जहाँ जडेजा अश्विन ज़िम्मेदार थे वहीँ ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाज़ और बाहर बैठा ऑस्ट्रेलिया का सपोर्ट स्टाफ भी अपनी गैरज़िम्मेदारी के लिए उतना ही ज़िम्मेदार है.