NASA ने अंतरिक्ष में एक चांद तलाश है। नासा ने इसका खुलासा किया है। इस नए चांद को नासा ने ‘क्वासी-मून यानी अर्ध-चंद्रमा’ का नाम दिया है। इस नए अर्ध चंद्रमा की खासियत है कि यह पृथ्वी और सूर्य दोनों का चक्कर लगाता है। इसको लेकर नासा वैज्ञानिकों ने कई रहस्यमय खुलासे किए हैं। इस नए चांद की अपनी कई तरह की खासियत है। जो नासा ने बताई है।
ऐसे हुआ नए चांद का खुलासा?
नए चांद के बारे में पहली बार 28 मार्च 2023 को पता चला था। उस दौरान वैज्ञानिकों ने इसे पैनस्टार्स टेलिस्कोप से देखा। इसी के बाद से वैज्ञानिकों ने इसका अध्ययन शुरू किया। अब इसकी पुष्टि हुई है। इस नए चांद का नाम इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के माइनर प्लैनेट सेंटर सूची में दर्ज किया है। अध्ययन से पता चला कि ये नया चांद पृथ्वी और सूर्य दोनों का चक्कर लगा रहा है। सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के चलते ये सूर्य की ओर खिंचता है।
क्वासी मून स्पेस रॉक?
नासा के अनुसार, क्वासी मून स्पेस रॉक है। इसका डायमीटर 30-50 फीट है। ये हमारे चंद्रमा के व्यास का एक छोटा अंश है। ये 2100 साल (100BC) से पृथ्वी के पास मौजूद था अब इसकी पहचान हुई है। ये अगले 1500 साल तक पृथ्वी का चक्कर लगाता रहेगा। इसके बाद पृथ्वी की कक्षा छोड़ देगा। इससे पृथ्वी को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होगा।
2023 FW13 सूर्य के चारों ओर उतने समय में चक्कर लगाता है जितने समय में (365 दिन) पृथ्वी लगाती है। इसी के साथ ये पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। नासा के मुताबिक, क्वासी-मून का एक और नाम क्वासी-सैटेलाइट भी है। ये चंद्रमा की तरह पृथ्वी की परिक्रमा करता हैं। ये पृथ्वी की जगह सूरज के गुरुत्वाकर्षण से बंधा हुआ है। इन्हें क्वासी कहा जाता है। द पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बंधा है।
पुराने चांद से अलग है नया चांद?
नासा ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘नया चांद पृथ्वी के ‘हिल स्फीयर’ के बाहर चक्कर लग रहा है। इसका मतलब यह उस जगह चक्कर नहीं लगाता जहां ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल सबसे अधिक और ताकतवर होता है। इसी बल के कारण उपग्रह, ग्रह की ओर खिचते हुए आते हैं। पृथ्वी के ‘हिल स्फीयर’ का रेडियस 1.5 मिलियन किलोमीटर है। जबकि 2023 FW13 का रेडियस बड़ा 1.6 मिलियन किलोमीटर है। यह चंद्रमा के ‘हिल स्फीयर’ का रेडियस 60 हजार किलोमीटर है। यह स्पेस रॉक जिस अंतरिक्ष में है उसके आधे रास्ते में मंगल ग्रह और आधे में शुक्र ग्रह है।