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शर्मनाक: पहली बार घर पर हुआ सूपड़ा साफ़

फीचर्डशर्मनाक: पहली बार घर पर हुआ सूपड़ा साफ़

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भारत की धरती पर जो कभी नहीं हुआ वो न्यूज़ीलैण्ड की टीम ने कर दिखाया और भारत को पहली बार अपनी ही धरती पर व्हाइटवॉश का सामना करना पड़ा. 24 साल बाद ऐसा मौका आया है जब भारत को किसी भी टेस्ट श्रंखला में सभी टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा. मुंबई टेस्ट ढाई दिन में ही ख़त्म हो गया, जबतक ऋषभ पंत मैदान पर मौजूद थे टीम को जीत की उम्मीद थी लेकिन पटेल ने अपने दुसरे पंजे के रूप में पंत को आउट कर भारतीय धरती पर इतिहास रच दिया। इस हार के साथ ही भारतीय टीम पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं.

न्यूज़ीलैण्ड के लिए ये इतिहास की सबसे कामयाबी कही जाएगी क्योंकि कीवी टीम ने घर के बाहर इससे पहले कभी भी लगातार तीन टेस्ट मैच नहीं जीते थे. प्लेयर ऑफ़ दि मैच एजाज़ पटेल कीवी टीम की इस ऐतिहासिक जीत के हीरो साबित हुए जिन्होंने दोनों पारियों में न सिर्फ पंजा खोला बल्कि टीम को जीत दिलाने में कामयाबी भी हासिल की. इसी मैदान पर एजाज़ पटेल इससे पहले भी एक पारी में दस विकेट हासिल करने वाले टेस्ट इतिहास के तीसरे गेंदबाज़ बने थे, उस मैच में एजाज ने 14 विकेट हासिल किये थे लेकिन टीम को मैच जिताने में कामयाब नहीं हए थे लेकिन इसबार उनकी व्यक्तिगत कामयाबी टीम की कामयाबी में महत्वपूर्ण साबित हुई. एजाज़ पटेल ने दूसरी पारी में 6 विकेट हासिल किये वहीँ पार्ट टाइम स्पिनर ग्लेन फिलिप्स की गेंदबाज़ी शानदार रही और चार विकेट हासिल कर टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आज जब खेल शुरू हुआ तो कीवी टीम की पारी जल्द ही सिमट गयी, एजाज़ पटेल को आउट कर रविंद्र जडेजा ने दूसरी पारी में पंजा खोला। भारत को जीत के लिए 147 रनों का लक्ष्य मिला मगर पूरी टीम सिर्फ 29.1 ओवर में ही मात्र 121 रनों पर सिमट गयी और 25 रनों से मैच हार गए. ऋषभ पंत के अलावा कोई भी बल्लेबाज़ एजाज़ पटेल और ग्लेन फिलिप्स के आगे टिक नहीं सका. पंत अकेले ही संघर्ष करते रहे, मगर एक विवादस्पद निर्णय ने उनकी पारी और टीम इंडिया की उम्मीदों को ख़त्म कर दिया। पंत ने सिर्फ 57 गेंदों पर 64 रनों की आक्रामक पारी खेली जिसमें 9 छक्के और एक छक्का शामिल रहे.

इस शर्मनाक हार से अब बहुत से सवाल खड़े हुए हैं। भारत में अपनी कंडीशंस और पिचों पर इतनी शर्मनाक शिकस्त इससे पहले कभी नहीं मिली। ध्यान देने वाली बात ये है कि इन कंडीशंस और पिचों को आपने अपनी मदद के लिए बनाया लेकिन फायदा न्यूज़ीलैण्ड की टीम ने उठाया। कीवी टीम ने डिसिप्लिन से साबित कर दिया कि ऐसी कंडीशंस में इसका कितना महत्व होता है. अपने धरती पर ये एक शर्मनाक हार तो है ही लेकिन इस हार से WTC साइकिल में पहली बार टीम इंडिया दूसरे स्थान पर आ गयी है, WTC के फाइनल से पहले भारत को अब अपनी आखरी टेस्ट श्रंखला ऑस्ट्रेलिया से उसके घर में खेलनी है इसलिए फाइनल में पहुँचने के लिए उसके लिए राह अब आसान नहीं रह गयी है.

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