न्यूज़ीलैण्ड के हाथों भारतीय टीम के व्हाइटवाश के बीच ऋषभ पंत के आउट दिए जाने के निर्णय पर हंगामा मचा हुआ है, हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने इस फैसले का अपनी प्रेस कांफ्रेंस में ज़िक्र किया। उधर सोशल मीडिया पर निर्णय देने वाले थर्ड अंपायर ऑस्ट्रेलिया के पॉल रैफेल भारतीय क्रिकेट फैंस की निगाहों में विलेन बन गए हैं और ये नौबत मैदान में ऋषभ पंत के रिएक्शन से आयी क्योंकि वो इस निर्णय से बिलकुल भी सहमत नहीं दिखाई दिए और मैदानी अम्पायरों को समझाते हुए दिखे कि गेंद उनके बैट से नहीं पैड से लगी है लेकिन थर्ड अंपायर को रीप्ले दिखाए गए उससे वो अपने निर्णय में कन्फर्म दिखाई दिए और पंत आउट करार देने में कोई झिझक नहीं दिखाई।
सोशल मीडिया पर इस बहस के बीच साउथ अफ्रीका के दिग्गज ए बी डिविलियर्स की भी राय सामने आयी है. साउथ अफ़्रीकी दिग्गज ने कहा कि निश्चित ही यह एक ग्रे एरिया है. समस्या यह है कि गेंद बल्ले के पास से ठीक उसी समय गुजरती है जब बल्ला बल्लेबाज़ के पैड से लगता है और स्निको मीटर उस शोर को पकड़ लेता है। डिविलियर्स ने सवाल पूछा कि हॉट स्पॉट कहाँ है? क्योंकि इन स्थितियों में सिर्फ हॉट स्पॉट ही इस बात का सही फैसला कर सकता है कि गेंद ने बल्ले को छुआ या नहीं। डिविलियर्स ने एक्स पर अपनी राय साझा करते हुए लिखा कि जब एक क्षण में दो स्थितियां एक साथ हुई हों तो अंपायर अपने विवेक पर फैसला देता है या फिर मैदानी अम्पायरों के फैसले के साथ जाता है. यहाँ पॉल रैफेल ने अपने विवेक पर फैसला दिया।
डिविलियर्स ने कहा कि यहाँ मैं किसी का पक्ष नहीं ले रहा हूँ. जो परिस्थितियां थीं, थर्ड अंपायर को थोड़ा बहुत तो संदेह था और संदेह की स्थिति में मैदानी अंपायर के फैसले के साथ ही जाया जाता है. लेकिन मैं समझता हूँ कि थर्ड अंपायर अपनी राय में आश्वस्त था. डिविलियर्स ने कहा मेरा कहना बस इतना है कि तकनीक का अच्छा इस्तेमाल होना चाहिए। वैसे देखा जाय तो न्यूज़ीलैण्ड के खिलाडियों को भी अपनी अपील पर ज़्यादा विशवास नहीं था, इसलिए डीआरएस लेने में वो हिचक रहे थे. इसी ओवर में वो एक डीआरएस गँवा चुके थे. चूँकि पंत ही अकेले उनकी राह का रोड़ा थे इसलिए टॉम लैथम ने डीआरएस लेने का रिस्क उठाया और न्यूज़ीलैण्ड ने इतिहास बना दिया.