अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है लेकिन प्राण प्रतिष्ठा से पहले आज से अनुष्ठान शुरू हो रहे हैं। इस सात दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत मंगलवार को राम भक्ति के माहौल में भक्तों के जोश के साथ हुई. इस अनुष्ठान का समापन 22 जनवरी को एक भव्य समारोह के साथ होगा जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, उस दिन अयोध्या में सात हज़ार विशिष्ट मेहमान होंगे। सात दिन चलने वाले इन अनुष्ठानों को वाराणसी से गए पुजारियों की देखरेख में संपन्न कराया जायेगा।
अब 22 जनवरी को मुख्य समारोह की तैयारी में हिंदू परंपराओं के अनुसार ये अनुष्ठान किए जा रहे हैं जिसमें 16 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा नियुक्त यजमान प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे। ये समारोह ‘दशविध’ स्नान सरयू नदी के तट पर होगा इसमें प्रायश्चित्त एवं कर्मकुटी पूजन होगा।
17 जनवरी को रामलला की मूर्ति का परिसर प्रवेश होगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समारोह के यजमान होंगे। वो 21 जनवरी को अयोध्या पहुंच जाएंगे और 22 जनवरी को धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा बनेंगे। 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा और गंधाधिवास की रस्में की जाएँगी। 19 जनवरी की सुबह औषधिधिवास, केसराधिवास, घृतधिवास की रस्में अदा होंगी, उसके बाद संध्या को धान्यधिवास अनुष्ठान होगा। 20 जनवरी को सुबह शर्कराधिवास और फलाधिवास अनुष्ठान होगा और शाम को पुष्पाधिवास होगा। वहीँ 21 जनवरी को सुबह मध्याधिवास और शाम को शैयाधिवास होगा।
कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की प्रतिमा गर्भगृह में प्रतिष्ठित होगी। 20-21 जनवरी को दर्शन नहीं होंगे। सभी कार्यक्रम विविध प्रतिनिधित्व, ऐतिहासिक आदिवासी प्रतिनिधित्व और परंपराओं के समावेश पर केंद्रित होंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद नवनिर्मित मंदिर के दरवाजे 23 जनवरी से आम जनता के लिए खोल दिए जायेंगे।