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G-20 की मेजबानी के चलते सेंटिमेंट उल्लासपूर्ण, शेयर बाजारों में जून के बाद अच्छी बढ़त

नेशनलG-20 की मेजबानी के चलते सेंटिमेंट उल्लासपूर्ण, शेयर बाजारों में जून के...

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G-20 Summit: G-20 की मेजबानी के चलते सेंटिमेंट काफी उल्लासपूर्ण हैं। घरेलू शेयर बाजार में अच्छी बढत बनी हुई है। इस सप्ताह लगातार पांचवें दिन बढ़ोतरी पर Sensex 333 अंकों के इजाफे के साथ 66,599 अंकों पर बंद हुआ। Nifty ने 83 अंकों की बढ़त दर्ज की हे।
फेडरल रिजर्व की टिप्पणी और भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से नकदी को लेकर उठाए कदम से देसी सूचकांक दो महीने की सबसे अच्छी बढ़ोतरी दर्ज करने में सफल रहा है। हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी करीब 2 प्रतिशत चढ़े हैं। जो जून के आखिर के बाद की सबसे अच्छी साप्ताहिक बढ़त बताई जा रही है।

बैंकिंग शेयरों में बढ़ोतरी

बैंकिंग शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज हुई जब आरबीआई ने घोषणा की कि वह नकद आरक्षी अनुपात में बढ़ोतरी को चरणबद्ध तरीके से घटाएगा। केंद्रीय बैंक नकदी जारी करेगा। जिसे बैंकों ने आई-सीआरआर के तहत बनाया हुआ है। विभिन्न वजहों से सृजित अतिरिक्त नकदी को खींचने के लिए आई-सीआरआर लागू किया था।

निफ्टी में मजबूती

मोतीलाल ओसवाल के खुदरा शोध प्रमुख सिद्ध‍ार्थ खेमका ने कहा कि निफ्टी में मजबूती आ रही है। वह अब तक के सर्वोच्च स्तर 19,992 अंकों की ओर बढ़ रहा है। मॉनसून में धीरे-धीरे हुए सुधार और सप्ताहांत पर भारत की ओर से जी-20 की मेजबानी के चलते सेंटिमेंट में उल्लास है। यह बाजार को कुछ दिनों में सर्वोच्च स्तर पर यानी 20,000 अंकों के पार ले जा सकता है।

20 जुलाई को अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने वाला निफ्टी अब अपनी नई ऊंचाई से महज एक प्रतिशत दूर है। मिड व स्मॉलकैप सूचकांक पहले नए उच्चस्तर पर पहुंच चुके हैं। बीएसई में सूचीबद्ध‍ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 321 लाख करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
गुरुवार को फेडरल बैंक के न्यूयॉर्क प्रेजिडेंट जॉन विलियम्स ने कहा कि अमेरिकी मौद्रिक नीति अच्छी स्थिति में है। मांग-आपूर्ति में संतुलन और महंगाई में नरमी को लेकर इसके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं।

विलियम्स ने यह भी कहा कि फेड ने ब्याज दरों में काफी बढ़ोतरी कर अपना काम किया है। अधिकारियों को जरूरत के मुताबिक नीतियां सुनिश्चित करने के लिए जांचनी चाहिए कि ये महंगाई को 2 प्रतिशत के लक्ष्य पर लाने के लिहाज से कारगर रहे हैं या नहीं। शुक्रवार को शिकागो फेड प्रेजिडेंट ऑस्टन गूल्सबी ने कहा कि हम ऐसे समय की तरफ बढ़ रहे हैं जब तर्क यह नहीं रह जाएगा कि दरें कितनी ऊंची होनी चाहिए।

बल्कि इस पर बात होगी कि कितने लंबे समय तक इस स्तर को बनाए रखने की जरूरत है। जिससे कि सुनिश्चित हो कि हम महंगाई के लक्ष्य को लेकर सही दिशा पर हैं। इस वर्ष दरों में और बढ़ोतरी की संभावना को फेड ने खारिज नहीं किया है। सेंसेक्स के दो तिहाई शेयर चढ़े। एचडीएफसी बैंक में 0.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सेंसेक्स की बढ़त में उसका योगदान सबसे अधिक है।

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