रूस और यूक्रेन की बीच जंग में अब परमाणु हमले की बाते गंभीरता से होने लगी हैं, कल रूस ने अमेरिका के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया जिसमें उसने रूस के सामने बातचीत का प्रस्ताव इस शर्त पर रखा था कि रूस को युद्ध रोकना होगा। रूस ने तो टूक शब्दों में अमेरिका के इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए यूक्रेन से युद्ध रोकने से इंकार कर दिया बल्कि अब ऐसा हमला होने की बात कही जो कभी देखा न गया हो. क्रेमलिन की इस बात से अब परमाणु हमले का खतरा मडराने लगा है.
यूक्रेन के आसमान पर नज़र आये रूसी TU 95 बॉम्बर
इस आशंका को बल तब मिला जब यूक्रेन के आसमानों पर रूसी TU 95 बॉम्बर मंडराते देखे गए. दरअसल अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्यूएल मैक्रोन से मुलाकात के दौरान कहा था कि अगर पुतिन जंग रोकने की बात करें तो वो शांतिवार्ता करने को तैयार हैं. बाइडेन की शर्तों को क्रेमलिन ठुकरा दिया है. बाइडेन ने शांतिवार्ता के लिए शर्त रखी कि जंग को रोकना होगा और रूसी सैनिकों को यूक्रेन छोड़ना होगा।
क्या फाइनल जंग की तैयारी में हैं पुतिन
अब जबकि क्रेमलिन ने whitehouse की शर्तों को ठुकरा दिया है तो इसका मतलब है कि पुतिन पीछे हटने वाले नहीं बल्कि अब शायद उन्होंने फाइनल जंग का फैसला कर लिया है, पिछले दो दिनों से रूसी सेना ने अपने TU 95 बॉम्बर को एक्टिव कर दिया है, महीनों की जंग में ऐसा पहली बार हुआ है जब विनाशक बॉम्बर TU 95 यूक्रेन के कई क्षेत्रों में नज़र आये हैं यह इलाके हैं सारातोव , समारा और ओरेन्बर्ग। कहा जा रहा है कि बहुत जल्द यह यूक्रेन के इंफ्रास्ट्रक्चर को अपने हमलों से तबाह कर सकते हैं.
रूसी विदेश मंत्री की धमकी के मायने
हालाँकि रूस भी हमेशा परमाणु हमले का विरोध करता है लेकिन जिस तरह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका को धमकी दी है उससे यह नज़र आने लगा है कि कुछ विनाशक हो सकता है, यही वजह कि परमाणु हमले की बातों ने तूल पकड़ा है. फिलहाल अभी ज़बानी जंग चल रही है लेकिन जिस तरह के शब्दों का अब इस्तेमाल हो रहा वह अच्छे संकेत नहीं हैं, अगर ऐसा हुआ तो एक बड़ी तबाही का दुनिया को सामना करना पड़ेगा।