अमित बिश्नोई
बांग्लादेश दौरे पर पिछली सात पारियों में एक्टिंग कप्तान के एल राहुल के बल्ले से सिर्फ 77 रन बने हैं, ज़ाहिर सी बात है कि इसमें कोई पचासा तो शामिल ही नहीं होगा। दौरे का उनका सर्वाधिक स्कोर 23 रन है जो उन्होंने तीसरे एकदिवसीय मैच में बनाया था. यह वो राहुल है जिनमें टीम इंडिया भविष्य का कप्तान ढूंढ रही है. अगर हम 2021 के विश्व कप से देखें तो राहुल की खराब परफॉरमेंस का दौर लगातार चला आ रहा है. अब सवाल यह उठता है कि यह सिलसिला कब तक चलेगा, क्या बोर्ड किसी और की तरफ नज़र डालेगा या फिर पाकिस्तान की तरह भारत में भी यारियां और दोस्तियां का दौर शुरू हो चूका है, पसंदीदा खिलाडियों को साथ में रखने का दौर शुरू हो चूका है फिर वो चाहे परफॉरमेंस दे पाए या नहीं।
फेवर तो धोनी के समय में भी था, कोहली के समय में भी था. कप्तान के कुछ पसंदीदा खिलाडी होते हैं लेकिन इतनी नाकामियों पर किसी और कप्तान ने अपने फेवरिट खिलाडी का इतना साथ नहीं दिया और न ही कोई इतनी बुरी तरह नाकाम रहा. बांग्लादेश में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारत आज मुश्किल में है, हालाँकि उसके पास अभी भी ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो जीत के लिए बचे 100 रन बनाने की सलाहियत रखते हैं लेकिन मैच में अगर नतीजा उल्टा आ गया तो ज़िम्मेदार कौन होगा? 45 रन पर चार टॉप के विकेट आउट हो चुके हैं, जो रन बने हैं उनमें आधे रन तो अक्षर ने बनाये है. राहुल की लगातार नाकामी अब टीम के लिए liability बनती जा रही है. उनके फ्लॉप शो कब तक चलेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। हो सकता है कि अगली श्रंखला में वो कोई बड़ी खेल कर फिर अपने नाकामी के डगर पर वापस आ जाएँ क्योंकि पिछले दो साल से उनके साथ यही चल रहा है. बीच बीच में वो एक दो अच्छी पारियां खेलकर आलोचकों का मुंह बंद कर देते हैं और टीम मैनेजमेंट के पास भी कहने को मिल जाता है कि रन तो वो बना ही रहा है.
लेकिन ऐसे रनों से क्या फायदा जो समय पर न बने हों. आईपीएल आने वाला है, वो लखनऊ की टीम के कप्तान हैं और इसमें कोई शक नहीं कि आईपीएल में उनका बल्ला ज़रूर बोलेगा, जैसे कि पहले भी बोलता रहा है लेकिन आईपीएल में उनका बल्ला बोले या न बोले टीम इंडिया के लिए ज़रूर बोलना चाहिए और अगर नहीं बोल रहा है तो फिर उसको शांत बैठ जाना चाहिए और किसी और को मौका देना चाहिए, भारत में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो मौके के इंतज़ार में हैं. अभिमन्यु ईश्वरन को बांग्लादेश भेजा गया लेकिन ट्राई नहीं किया गया. किसकी जगह करते , राहुल तो कप्तान थे, कप्तान न भी होते तो द्रविड़ के होते हुए हटाए नहीं जा सकते थे. टीम इंडिया को अगर ICC चैम्पियनशिप का फाइनल खेलना है तो सलामी जोड़ी का मज़बूत होना बहुत ज़रूरी है. रोहित शर्मा के बाद पता नहीं राहुल की टीम में कहाँ जगह होगी, क्या उन्हें एडजस्ट करने के लिए एकबार फिर श्रेयस जैसे टैलेंट को बाहर बैठना पड़ेगा। इस सवाल का जवाब ढूंढना बहुत ज़रूरी है.