राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले मानहानि की सियासत होने लगी है, बता दें कि राजस्थान भाजपा के कद्दावर नेता कर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि संजीवनी घोटाले में उनका और उनके परिवार का नाम लेकर अशोक गेहलोत ने उनका चरित्र हनन किया है जिसके चलते उन्होंने मानहानि का केस दर्ज कराया है, वहीँ अशोक गेहलोत ने भाजपा नेता के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि कम से कम अब यह केस आगे तो बढ़ेगा। लोगों को पता चलेगा कि लाखों गरीबों का डूबा पैसा कहां गया? इस केस में भाजपा नेता खुद मुजरिम हैं, उनकी पत्नी, माता-पिता और साले का नाम है.
गेहलोत ने किया स्वागत
भाजपा नेता कहा की अशोक गहलोत ने एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसायटी के साथ मेरा और मेरे परिवार का नाम जोड़कर चरित्र हनन किया जिसके वो लोग मेंबर तक नहीं हैं. दरअसल 21 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह समेत उनके परिवार के पांच लोगों के संजीवनी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था और हैरानी जाती थी कि मोदीजी ने गजेंद्र सिंह को मंत्री कैसे बना दिया? इन्हें तो मंत्री बनने के बाद इस मामले को आगे बढ़ाना चाहिए था। गेहलोत ने कहा अच्छा है यह केस अब आगे बढ़ेगा तो राष्ट्रिय मुद्दा बनेगा। गेहलोत ने कहा कि वो चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी तक ये बात जाए।
953 करोड़ रूपये की ठगी का मामला
भाजपा नेता ने सचिवालय में बजट की समीक्षा बैठक के बाद अशोक गेहलोत द्वारा कही गयी इस बात को अपने मुकदमें का आधार बनाया है, इस मामले में कुल 50 आरोपी हैं। गेहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता ने इसे उन्हें राजनीतिक रूप से कमज़ोर करने की साज़िश बताया था. उन्होंने कहा था कि इस मामले में तीन चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं और किसी में भी उनका या उनके परिवार के किसी भी सदस्य का नाम नहीं है. संजीवनी क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी ने राजस्थान और गुजरात में दो लाख लोगों से 953 करोड़ रूपये की ठगी की थी जिसमें सोसायटी से जुड़े कई अधिकारीयों की गिरफ़्तारी भी हो चुकी है.