बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री भारत में बवाल बनी हुई है. गुजरात दंगो पर बनी इस डॉक्यूमेंट्री को देखने से रोकने के लिए केंद्र सरकार पूरी कोशिश कर रही है, उसने यू ट्यूब से जहाँ इस डॉक्यूमेंट्री को हटवा दिया है वहीँ इसके लिंक को शेयर करने पर भी पाबन्दी लगा दी है और उन ट्वीट्स को भी ब्लॉक कर दिया गया है जहाँ इसके लिंक शेयर किये गए हैं, सरकार के डॉक्यूमेंट्री को लेकर विरोध के बावजूद कांग्रेस पार्टी की केरल यूनिट ने आज इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की.
सरकार ने बताया था दुष्प्रचार का हिस्सा
बता दें कि इस डॉक्यूमेंट्री को सरकार ने दुष्प्रचार का हिस्सा और औपनिवेशक मानसिकता बताया है. सरकार का कहना है कि इससे देश की सम्प्रभुता कमज़ोर होगी। इसके बावजूद देश भर में कहीं न कहीं डॉक्यूमेंट्री को देखने की खबरे आ रही हैं, JNU में पाबन्दी के बाद भी छात्रों ने लैपटॉप और मोबाइल पर डॉक्यूमेंट्री को देखा, जामिया में डॉक्यूमेंट्री की स्ट्रीमिंग को लेकर काफी बवाल हुआ. TMC सांसद ने तो अपने ट्विटर हैंडल पर डाक्यूमेंट्री के दोनों भागों के लिंक शेयर कर सरकार को चैलेन्ज किया कि अगर वो हटाएंगे तो हम फिर से लिंक को डालेंगे।
अनिल एंटनी ने दिया था कांग्रेस से इस्तीफ़ा
वहीँ बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल के एंटनी ने पार्टी इस्तीफ़ा दे दिया। उनका कहना था कि सरकार का इस डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाना सही कदम है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ए के एंटनी के पुत्र के मुताबिक बीबीसी के विचारों को भारतीय संस्थानों पर तरजीह देने से देश की संप्रभुता कमज़ोर होगी। अनिल ने आरोप लगाया था कि उनपर उस ट्वीट को हटाने के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से दबाव डाला जा रहा था जिसमें उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया था. बता दें कि इस मुद्दे पर राहुल गाँधी ने कहा था कि सच को छुपाया नहीं जा सकता, वो बाहर आ ही जाता है और इसके लिए उन्होंने ग्रंथों और उपनिषदों का भी ज़िक्र किया था।