हिंदू पंचांग के अनुसार तीन वर्ष में एक अधिकमास होता है, जिसे मलमास या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। हिंदू धर्म में इस मास को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं आने वाला नया साल भी मलमास वाला साल होगा। आने वाला 2023 पूरे 13 महीने का होगा। यह शुभ संयोग 19 साल बाद बन रहा है और इसकी अवधि 59 दिनों की होगी।
19 साला बाद बन रहा शुभ संयोग:
हर तीन साल पर एक अतिरिक्त मास होता है, जिसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास रहेगा। हिंदू धर्म के ज्यादातर इस माह में लोग पूजा-अर्चना, व्रत, जप आदि करते है। इससे भगवान हरि के साथ ही भोलेनाथ की भी लोगों पर बरसती है।
क्या होता है मलमास:
दरअसल, हिंदू पंचाग में यह सूर्य मास और चंद्र मास की गणना से ही बनता है। इसका आगमन सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच अंतर का संतुलन बनाने के लिए होता है। इन दोनों वर्षों के बीच 11 दिनों का अंतर होता है जो हर तीन वर्ष में लगभग एक मास के बराबर होता है। वहीं जब सूर्य राशि बदलते हुए एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहते हैं। सौर मास में 12 संक्रांति और 12 राशियां होती है, लेकिन जिस माह में संक्रांति नहीं होती है, तो वह मलमास होता है। इस माह में शुभ कार्य वर्जित होते हैं क्योंकि हिन्दुओं में इस मास मलिन माना जाता है।
हिंदू धर्म में नहीं होते मांगलिक कार्य:
बता दें कि हिंदू धर्म के लोग इस अधिकमास या मलमास के दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं करते है। क्योंकि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस अधिकमास को मलिन माना जाता है। इसलिए हिंदू धर्म में मलमास के समय विवाह, गृहप्रवेश, नई चीजों की खरीद, मुंडन, अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते है।