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Onion Prices: प्याज ने निकाले आंसू! 15 दिनों में 50 प्रतिशत बढ़े दाम, राहत के नहीं आसार

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Onion Prices: ​पश्चिम यूपी और दिल्ली एनसीआर में प्याज की कीमतों में अचानक से 50 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। प्याज अब 70 रुपए प्रति किलोग्राम पहुंच गई हैं। सबसे अच्छी क्वालिटी के प्याज की कीमत 70 रुपए प्रति किलो है। महाराष्ट्र के बाजार में अच्छी क्वालिटी के प्याज 60 रुपए किलो है।

पिछले 15 दिनों में महाराष्ट्र के लासलगांव एपीएमसी जो कि प्याज की कीमतों का बेंचमार्क है, में प्याज के भाव 50 प्रतिशत से अधिक बढ़े हैं। पिछले हफ्ते की बात करें तो प्याज की कीमतों में 18 प्रतिशत का उछाल आया है। रिपोर्ट्स में ऐसे दावे किए गए हैं कि लासलगांव मंडी में प्याज की औसत कीमत 38 रुपए प्रति किलोग्राम रही। यह भाव एक पखवारे से पहले की कीमत 24 रुपए प्रति किलोग्राम से 58 प्रतिशत कम है।

10 दिन में प्याज की कीमतें 50 रुपए के पार

महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों की बात करें तो बीते 10 दिनों में यह 50 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं हैं। अहमदनगर एसोसिएशन ऑफ ऑनियन ट्रेडर्स के चेयरमैन नंदकुमार शिर्के ने बताया कि अहमदनगर बाजार में प्याज की कीमत करीब 10 दिन पहले 35 रुपए किलो से बढ़कर अब 50 रुपए किलो हो गई है।”

राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्याज का भाव 30 प्रतिशत बढ़ा

देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्याज की कीमतों में 50 फीसद की वृद्धि हुई है। प्याज के दाम 50 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंचे हैं। अच्छी क्वालिटी के प्यात की कीमत दिल्ली में 70 रुपए प्रति किलो है। महाराष्ट्र के बाजार में अच्छी क्वालिटी का प्याज इसी भाव पर बिक रहा है। मेरठ, गाजियाबाद और अन्य जिलों में भी प्याज की कीमतें 60 से 70 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं हैं। बाजार में खरीफ की फसल आने यानी दिसंबर महीने तक प्याज की कीमतों में उछाल की आशंका है।

खरीफ सीजन में उगाया जाने वाला प्याज, जिसकी कटाई आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर में होती है। इस साल सितंबर के मध्य में आना शुरू हुआ। जानकारों के अनुसार इस बार महाराष्ट्र में बुवाई क्षेत्र 36 प्रतिशत घटकर करीब 58,000 हेक्टेयर ही हुई है। जिसके कारण कीमतों में वृद्धि हुई है।

बीते दो सालों में नुकसान के कारण बुआई कम

जानकारों के अनुसार दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में खरीफ प्याज की बुआई कम की गई है। पिछले दो साल में किसानों को नुकसान हुआ है। इन राज्यों में सामान्य से कम बारिश से प्याज का उत्पादन और कम हुआ है। इस साल अगस्त के महीने में, केंद्र ने खरीफ फसल की देरी और कम बुवाई के कारण बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए प्याज के निर्यात पर 40 फीसद शुल्क लगाया था। यह शुल्क 31 दिसंबर तक लागू रहेगा।

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