पडोसी नेपाल के आम चुनाव में ऐसा लगता है कि एकबार फिर सरकार के गठन के लिए गठबंधन का सहारा लेना पड़ेगा क्योंकि मतगणना से जो रुझान आ रहे हैं उनके मुताबिक किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. अबतक आये परिणामों और रुझानों के मुताबिक नेपाल कांग्रेस पार्टी आगे चल रही है, उसे अब तक 19 सीटों पर कामयाबी मिल चुकी है और 37 पर उसकी बढ़त चल रही है.
मुख्य विपक्षी CPN-UML दे रही है टक्कर
वहीँ केपी ओली की CPN-UML पार्टी ने अबतक सात सीटों पर जीत दर्ज कर ली है और 37 पर उसकी बढ़त चल रही है. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी चार सीटें जीत चुकी है और पांच जगह पर वो बढ़त बनाये हुए है. नेपाल की राजनीति में इसे तीसरी शक्ति के उदय के रूप में देखा जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री ओली के गठबंधन का प्रदर्शन भी ठीक-ठाक कहा जाएगा. रुझानों के मुताबिक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज दर्ज कर चुकी हैं, दोनों ही पार्टियां चार सीटों पर अपनी बढ़त भी बनाए हुए हैं.
वोट प्रतिशत में केपी ओली की पार्टी आगे
मौजूदा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की पार्टी आगे चल रही है लेकिन वोटिंग प्रतिशत में केपी ओली की पार्टी बाज़ी मार रही है. आंकड़े के मुताबिक CPN-UML को अब तक 2,07,299 वोट मिले हैं जबकि नेपाली कांग्रेस के खाते में 1,83,352 वोट गए हैं. राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी तीसरे नंबर पर है और उसे 95,598 वोट हासिल हुए हैं. CPN-Maoist को भी इस चुनाव में 86,433 वोट मिल गए हैं.
देउबा और ओली की बड़ी जीत
प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने एक बार फिर चुनाव जीत चुके है. पिछले पांच दशक से उनका दबदबा बरकरार है. वहीँ केपी ओली ने भी बड़े अंतर से जीत दर्ज कर ली है. बता दें कि इस बार नेपाल की संसद की कुल 275 सीटों और प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीटों पर मतदान हुआ है. 2015 के बाद से नेपाल में ये दूसरा मौका है जब आम चुनाव हो रहे हैं.