हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के मददेनजर भारत क्वाड (अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया व भारत का संगठन) के भरोसे नहीं रहेगा। अब इस क्षेत्र के दूसरे देशों के साथ दूसरे गठबंधन व सहयोग की रणनीति पर भी अब काम शुरू कर दिया है। अब फ्रांस और आस्ट्रेलिया ने नए रक्षा संबंध बनाने और भारत के साथ सैन्य सहयोग की बात कही है। इससे इसकी संभावना बढ़ी है कि जल्द इन तीनों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को लेकर बातचीत शुरू होगी। भारत, इंडोनेशिया के अलावा आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों के बीच अब त्रिपक्षीय संबंधों को लेकर जल्द वार्ता होने की संभावना जताई है। इसी सप्ताह बाली में जी-20 बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर की इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों से बातचीत की उम्मीद है।
भारत, फ्रांस और आस्ट्रेलिया के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र में सैन्य सहयोग को लेकर पिछले साल चर्चा की शुरुआत हुई। लेकिन कुछ महीने पहले आस्ट्रेलिया की ओर से फ्रांस के पनडुब्बी खरीद को रद करने से दोनों देशों के रिश्तों में एक बार फिर से तनाव आ गया था। इस कारण भारत के साथ दोनों देशों की होने वाले सहयोग की संभावनाओं पर सवाल उठने लगे थे। आस्ट्रेलिया के नए पीएम एंथोनी अलबिनीज द्वारा पेरिस यात्रा के बाद संयुक्त बयान जारी कर संकेत दिया गया कि दोनों देश भारत के साथ हिंद महासागर में सैन्य साझेदारी को मजबूत करेंगे।
Read also: ज्ञानवापी मस्जिद मामला: मुस्लिम पक्ष ने और समय माँगा, 12 जुलाई को अगली सुनवाई
यह भी कहा है कि भारत के साथ मिलकर आस्ट्रेलिया और फ्रांस समुद्री आवागमन को सुनिश्चित करने का काम करेंगे। यह पहली बार है कि आस्ट्रेलिया व फ्रांस के बीच होने वाली शीर्षस्तरीय वार्ता में भी भारत के साथ संयुक्त तौर पर सैन्य सहयोग के संकेत दिए हैं।
सूत्रों की माने तो भारत की आस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया के साथ समान अवसर वाला हिंद प्रशांत क्षेत्र बनाने को लेकर बातचीत हुई। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की पिछले साल मई में पहली बैठक हुई। उससे पहले तीनों देशों के विदेश सचिवों की एक बैठक हुई थी। अब जल्द ही विदेश सचिवों की बैठक होने वाली है। यदि क्वाड से अलग दूसरा गठबंधन आकर ले रहा है तो इससे चीन की आक्रामकता को भारत की ओर से करारा जवाब होगा। चीन पहले से ही क्वाड के गठन से भड़का है।