बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 50 हो गई है। इस मामले में लापरवाई बरतने के आरोप में SHO रितेश मिश्रा और कांस्टेबल विकेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा चूका है. मामले को लेकर राजनीति भी ज़ोर पकड़ रही है. तरह तरह के विवादस्पद बयान भी सामने आ रहे हैं. मुख्यमंत्री नितीश कुमार का एक बयान काफी वायरल हो रहा है जिसमें वो कह रहे कि ज़हरीली शराब पिएंगे तो मरेंगे ही. इससे पहले एक और मंत्री ने लोगो से ज़हरीली शराब पीने के लिए अपनी पावर बढ़ाने की सलाह दी थी.
विधानसभा में हुआ था हंगामा
बता दें कि बिहार में 2016 से जब जेडीयू और बीजेपी मिलकर सरकार चला रहे थे शराबबंदी चल रही है. राज्य में शराबबंदी के बाद अवैध और ज़हरीली शराब का धंधा ज़ोर पकड़ने लगा. पहले इसपर राजद और कांग्रेस पार्टी नितीश सरकार को घेरती थी और अब भाजपा वही काम कर रही है. इस कांड के बाद भाजपा ने विधानसभा में मुख्यमंत्री को जब घेरा तो वहां काफी हंगामा हुआ, नितीश कुमार अपना आपा खोते हुए नज़र आये और बताते हुए नज़र आये कि पहले तो आप भी इस फैसले के समर्थन में था, अब क्या शराबी बन गए.
जी का जंजाल बानी शराबबंदी
दरअसल शराबबंदी का फैसला नितीश कुमार के लिए जी का जंजाल बन गया है. पहले खुलेआम शराब चलती थी और लोगों के घर बर्बाद होते थे और अब चोरी छिपे शराब बेची जा रही है और लोगों के घर अब भी बर्बाद हो रहे हैं, उधर शराबबंदी से सरकार को एक बड़े रेवेन्यू सोर्स से भी हाथ धोना पड़ा है. नितीश कुमार के लिए शराबबंदी आगे कुंआ पीछे खाई वाली हालत बन गयी है.