लोकसभा चुनाव में फैज़ाबाद (अयोध्या) सीट पर भाजपा की हार के बाद से मिल्कीपुर विधानसभा सीट एक VIP सीट बन चुकी है. इसी सीट से विधायक रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद ने अयोध्या के उस किले को फतह किया जिसे भाजपा अपना अभेद्य दुर्ग मानती थी. उत्तर प्रदेश विधानसभा के 10 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं जिनमें से एक सीट मिल्कीपुर भी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है, वहीँ समाजवादी पार्टी की ये सिटिंग सीट है इसलिए उसके लिए भी ये सीट बरकरार रखना महत्वपूर्ण है.
मिल्कीपुर की सीतकी बात करें तो बसपा ने यहाँ से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है और अब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार का नाम भी सामने आ गया है, हालाँकि अभी आधिकारिक रूप से न तो एलान हुआ है और न ही कोई पुष्टि. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सपा प्रमुख इस हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट से अवधेश के पुत्र अजीत प्रसाद को मैदान में उतारने जा रहे हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद मिल्कीपुर सीट से अजीत प्रसाद को मैदान में उतारने पर सहमति जताई। सपा इस सीट पर यादव-मुस्लिम-पासी समीकरण के सहारे जीतती रही है, जबकि भाजपा सवर्ण और दलित वोटों को साधकर जीतने में सफल रही है। मिल्कीपुर के आरक्षित सीट बनने के बाद से यहां दो बार सपा और एक बार भाजपा ने कब्जा जमाया है। अवधेश प्रसाद इस सीट से वर्ष 2017 और वर्ष 2022 में चुनाव जीत चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद ने भाजपा के गोरखनाथ को चुनाव में हराया था। इसी कारण अखिलेश यादव ने इस सीट से अवधेश प्रसाद के बेटे को उतारने का फैसला किया, जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस सीट के सामाजिक समीकरण को देखते हुए पार्टी के पुराने नेता रामगोपाल कोरी को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने अभी इस सीट से अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है।