नई दिल्ली। सूडान में हिंसा में 427 लोगों की मौत हुई है। जबकि 3700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में खार्तूम में मौजूद मिस्त्र के दूतावास के अधिकारी शामिल हैं, जो अपने कार्यालय से घर लौटते समय हिंसा की चपेट में आ गए।
दोनों जनरल 72 घंटे के सीजफायर के लिए तैयार
सूडान में दोनों जनरल 72 घंटे के सीजफायर के लिए तैयार हो गए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने यह जानकारी दी। करीब 10 दिनों की लड़ाई, सैंकड़ों मौतों और बड़ी संख्या में विदेशी लोगों के पलायन के बाद यह सीजफायर होने जा रहा है। इससे पहले भी दोनों पक्षों में सीजफायर कराने की कोशिश की गई थी लेकिन वह नाकाम रहीं। ब्लिंकेन ने एलान करते हुए कहा कि ‘बीते 48 घंटे की सघन बातचीत के बाद सूडान आर्म्ड फोर्सेस और रैपिड सपोर्ट फोर्सेस राष्ट्रव्यापी सीजफायर करने के लिए रजामंद हो गई हैं। यह सीजफायर 24 अप्रैल की आधी रात से शुरू होकर अगले 72 घंटे तक चलेगा।’
सूडान में हालात बेहद खराब
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के अनुसार, सूडान में हिंसा में अभी तक 427 लोगों की मौत हुई है और 3700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में खार्तूम में मौजूद मिस्त्र के दूतावास के एक अधिकारी शामिल हैं। सूडान से अभी तक विभिन्न देशों के 4 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा सका है। सूडान के निवासी बड़ी संख्या में चाड, इजिप्ट और दक्षिण सूडान पलायन कर गए हैं। लोगों को पानी, खाने और दवाईयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
ये विवाद की वजह
बता दें कि अक्तूबर 2021 में नागरिकों और सेना की संयुक्त सरकार के तख्तापलट के बाद से सेना (SAF) और अर्धसैनिक बल (RSF) के बीच तनाव बना हुआ था। सेना के प्रमुख जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान के हाथों में है और आरएसएफ की कमान हमदान दगालो यानी हेमेदती के पास है। एक सॉवरेन काउंसिल के जरिए सेना और आरएसएफ मिलकर देश चला रहे थे। हाल ही में आरएसएफ के जवानों को अपने लिए खतरा मानते हुए सेना ने बीते दिनों आरएसएफ के जवानों की तैनाती की व्यवस्था बदलते हुए नई व्यवस्था शुरू की, जिसे लेकर आरएसएफ के जवानों ने नाराजगी जाहिर की। धीरे धीरे ये नाराजगी हिंसा में बदल गई और लड़ाई शुरू हो गई।