Violence in Manipur: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा बेकाबू हो गई है। मणिपुर में उपद्रवियों ने आज खामेनलोक इलाके के एक गांव में हमला कर दिया। जहां पर नौ लोगों की मौत हो गई। इस हमले में 10 अन्य घायल हो गए थे। यह इलाका मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिला और आदिवासी बहुल कांगपोकपी की सीमाओं से लगा है।
मणिपुर में हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही। आज गुरुवार को भड़की हिंसा में आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं। इंफाल के पूर्व चेकोन जिले में उपद्रवियों ने घरों को आग के हवाले कर दिया। हालांकि, अभी तक आग में किसी के हताहत की जानकारी सामने नहीं आई है। आग में एक महिला के घायल होने की जानकारी है। दमकल ने आग पर काबू पा लिया। सेना के जवान घटनास्थल पर पहुंच गए और मोर्चा संभाल लिया। स्थिति नियंत्रण में है। इस दौरान भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। स्थानीय लोगों की सेना और आरएएफ जवानों के साथ बहस हुई।
बताया जाता है कि घटना दोपहर करीब एक बजे की है। उपद्रवियों ने इंफाल पूर्व के चेकोन में घरों में आग लगा दी। यह इलाका कॉन्वेंट इंग्लिश स्कूल के पास है। यह केंद्रीय सशस्त्र बलों के उच्च सुरक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना, 4 जीआर और आरएएफ सहित अतिरिक्त बलों को मौके पर भेजा है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद आरएएफ पर भीड़ ने पथराव भी किया है।
इससे पहले कुछ उपद्रवियों ने इंफाल पश्चिम के लाम्फेल क्षेत्र में मंत्री के घर को आग लगाई थी। नेमचा किपगेन राज्य सरकार में मंत्री हैं। किपजेन 2017 से मणिपुर विधानसभा की सदस्य हैं।
नौ लोगों की जा चुकी है जान
बुधवार को खामेनलोक इलाके के गांव में संदिग्ध उपद्रवियों के हमले में नौ लोगों की मौत हो गई थी। हमले में 10 लोग घायल हो गए थे। इस दौरान तीन लोग लापता बताए जा रहे थे। यह इलाका मेइती-बहुल इंफाल जिला और आदिवासी जिला कांगपोकपी की सीमा से लगा है।
इंटरनेट पर प्रतिबंध अब 20 तक
हिंसाग्रस्त मणिपुर में अब इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ा दी गई है। मणिपुर में इंटरनेट में अब 20 जून तक इंटरनेट पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है। ब्रॉडबैंड सहित इंटरनेट सेवाएं मणिपुर में 20 जून तक प्रतिबंधित रहेंगी। बताया जाता है कि कुछ असामाजिक तत्व ने फोटो, अभद्र भाषा और वीडियो संदेशों के प्रसारण के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का सहारा लिया था। जो राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति के लिए गंभीर घातक हुआ है। इस कारण अब सरकार ने 20 जून तक बढ़ाया जा रहा है।
सेना ने तलाशी अभियान किया तेज
शांति बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स तलाशी अभियान चला रही है। इसके साथ दूर-दराज के क्षेत्रों में रह रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। सेना की ओर से बताया गया है कि हिंसा में तेजी के बीच सेना ने असम राइफल्स के साथ मिलकर तलाशी अभियान तेज कर दिया है।