Rice Export: केंद्र ने विभिन्न देशों में भारत से निर्यात होने वाले बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 1,200 डॉलर प्रति मीट्रिक टन तय किया है। बासमती के नाम पर विदेश में बेची जाने वाली गैर-बासमती चावल पर रोक लगाने के लिए सरकार ने ऐसा किया है।
कच्चे गैर-बासमती चावल पर रोक के बाद देशभर के चावल निर्यातकों के लिए दूसरा झटका माना जा रहा है। इससे निर्यातकों के पहले से सस्ती दर पर किए सौदों पर संकट आ गया है। निर्यात में बड़ी गिरावट की आशंका उत्पन्न हो गई हैं। घरेलू बाजार में चावल सस्ता होने की संभावना जताई जा रही है।
160 देशों में किया जाता है rice export
देशभर में करनाल के केंद्रीय मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्थान की तरफ से निकाली गई सीएसआर-30 बासमती को परंपरागत बासमती कहा जाता है। लेकिन, कुछ सालों से अन्य किस्मों का निर्यात तेजी से बढ़ा है। ये बासमती तो नहीं हैं। लेकिन काफी हद तक उसके जैसी जरूर हैं। यह बासमती चावल से सस्ता है। भारत से 160 देशों में बासमती चावल निर्यात होता है।
बासमती के नाम पर गैर-बासमती चावल का तेजी से निर्यात हो रहा है। विदेश में साख बनाए रखने और विदेशी मुद्रा अर्जन बढ़ाने के लिए केंद्र ने अब न्यूनतम निर्यात मूल्य तय कर दिया है। जो 1,200 डॉलर प्रति मीट्रिक टन है। सरकार ने इसे 15 सितंबर तक के लिए लागू किया है। इसके बाद समीक्षा होगी।