DeepFake: आज टेक कंपनियों की सरकार के साथ बैठक संपन्न हुई। जिसमें टेक कंपनियों ने सरकार से कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डीपफेक कुछ ऐसा है जो समाज के लिए हानिकारक है। सरकार ने कहा कि DeepFake को रेगुलेट करने के लिए मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया जाएगा। बहुत कम समय में डीपफेक को लेकर नया कानून जनता के सामने होगा।
DeepFake के खिलाफ स्पष्ट और कार्रवाई योग्य कानून
डीपफेक DeepFake के मुद्दे पर सोशल मीडिया कंपनियों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम सभी इस बात पर सहमत हुए हैं। आने वाले 10 दिन के अंदर DeepFake के खिलाफ स्पष्ट और कार्रवाई योग्य कानून लेकर आएंगे। सभी टेक कंपनियों ने कहा कि DeepFake को फ्री स्पीच के तहत नहीं रखा जा सकता है।
डीपफेक समाज के लिए हानिकारक
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य टेक कंपनियों ने कहा कि डीपफेक ऐसा है जो वास्तव में समाज के लिए हानिकारक है। आज इसे रेगुलेट करने के लिए मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा डीपफेक लोकतंत्र के लिए नया खतरा बनकर उभरा है। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी जो आज के फैसलों पर आधारित होगी। अगली बैठक में तय होगा कि डीपफेक को रेगुलेट करने वाले नियमों में क्या शामिल किया जाए।
डीपफेक वीडियोज वायरल
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में कई सारे डीपफेक वीडियोज वायरल हुए। जिनमें सचिन तेंदुलकर की बेटी और साउथ की एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का वीडियो शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डीपफेक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें उन्हें गरबा करते हुए दिखाया था। इसको लेकर सरकार तुरंत गंभीर हुई और इसी को लेकर टेक कंपनियों की बैठक बुलाई।