हरिद्वार- हरिद्वार में कोरोना जांच के घोटाले के बाद मेडिसिन घोटाले की एक बड़ी सुगबुगाहट देखने को मिल रही है. दरअसल हरिद्वार गंगा किनारे प्रशासन को गवर्नमेंट सप्लाई की दवाइयों का एक बड़ा जखीरा मिला है. गड्ढे में दवाई गई इन दवाइयों में कई ऐसी दवाइयां हैं जिनकी एक्सपायरी डेट समाप्त हो चुकी है,जबकि कुछ दवाई 2024 में एक्सपायर होना था. हरिद्वार जिला प्रशासन ने जेसीबी से खुदाई कर उन दवाओं को बाहर निकाला और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है.
रात के अंधेरे में तबाही गई दवाई
दरअसल स्थानीय लोगों को सूचना मिली थी कि कुछ लोग बैरागी कैंप में गंगा किनारे जेसीबी चला रहे थे. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने अपने स्तर पर खोजबीन शुरू की जिसमें इन दवाओं के दबाए जाने की बात सामने हाई. बताया जा रहा है कि एक दिन पहले ही देर रात को इन दवाओं को गड्ढे में दबाया गया है. दवाओं के साथ कुछ कागजात भी मिले हैं जिससे इन दवाओं को दवाई जाने वाले शख्स का खुलासा हो सकता है.
मुकदमा हुआ दर्ज
हरिद्वार प्रशासन को बैरागी कैंप में भारी मात्रा में दवाइयों को गड्ढे में दबाए जाने की सूचना सूचना मिली जिसके बाद शासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में डीएम हरिद्वार ने एसडीएम पूरण सिंह राणा मौके पर भेजा जिन्होंने जेसीबी से गड्ढे को खुदवाया और दवाइयों का जखीरा बाहर निकाला. एसडीएम ने बताया कि गड्ढे में दबा दी गईं सभी दवाएं सरकारी हैं. इनमें से कुछ दवाएं एक्सपायरी डेट की हैं तो कुछ एक्सपायर नहीं हुई हैं। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.
सीएमओ के दस्तावेजों से पता चलेगा दोषी कौन
गड्ढे में दवाइयों का जखीरा मिलने की सूचना पाकर मौके पर ड्रग इंस्पेक्टर भी मौके पर पहुंच गए दवाओं में सिरप, कैप्सूल, टैबलेट कई तरह की अलग-अलग दवाएं हैं.
ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती ने बताया कि दवाओं के बैच नम्बर से यह पता लगाया जाएगा कि यहाँ मिली दवाइयों के बैच नम्बर की दवाइयां किस हॉस्पिटल को भेजी गई थी और वहां से इनको किस कारण डंप किया गया है. इसका पता लगवाया जाएगा कि दवाएं वहां किसने और क्यों दबाई. जिसका पूरा रिकॉर्ड सीएमओ ऑफिस से पता चल पाएगा.