देहरादून। भू-धंसाव से उत्तराखंड में हालात खराब हो रहे हैं। भू-धंसाव लगातार बढ़ रहा है। आज सोमवार को बदरीनाथ हाईवे भू-धंसाव से बदहाल स्थिति में पहुंच गया। सुबह अचानक रेलवे गेस्ट हाउस के पास हाइवे पर करीब दस फीट गहरा गड्ढा हो गया। जिससे दहशत फैल गई। सूचना मिलने पर सीमा सड़क संगठन ने मजदूरों की मदद से गड्ढे को भरने की कोशिश की।
मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने हाइवे का निरीक्षण किया। बता दें कि हाइवे पर इससे पहले मारवाड़ी होटल के समीप गड्ढा हो गया था।
बदरीनाथ हाइवे पर दरारें आने के साथ गड्ढे होने शुरू हो गए हैं। सोमवार को सुबह कुछ लोगों ने रेलवे गेस्ट हाउस के समीप हाइवे पर बड़ा गड्ढा देखा। सूचना पर सीमा सड़क संगठन मजदूरों के साथ मौके पर पहुंचा। मजदूरों ने शीघ्र गड्ढे को भरने का काम शुरू किया।
बीआरओ की कमान अधिकारी मेजर आइना ने बताया कि गड्ढा सूखा हुआ था। जिसमें आधा ट्रक पत्थर का भरान किया है। इसी के साथ सीमेंट और कंक्रीट से कार्य किया है। उन्होंने बताया कि हाइवे पर जहां भू-धंसाव हो रहा है, वहां सुधारीकरण कार्य किया जा रहा है।
हाइवे पर कई स्थानों पर भू-धंसाव
इसके बाद तहसीलदार रवि शाह ने तहसील टीम के साथ जोशीमठ से मारवाड़ी तक बदरीनाथ हाइवे का निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान हाइवे पर पड़ी दरारों को देखा। तहसीलदार ने सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों को चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले हाइवे को दुरूस्त करने के लिए कहा है। तहसीलदार रवि शाह ने बताया कि हाइवे पर कई स्थानों पर भू-धंसाव हो रहा है। हाइवे के निरीक्षण की रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी गई है।
भू-धंसाव से सबसे अधिक प्रभावित सिंहधार वार्ड में मकान धंस रहे हैं। कई मकानों की छत, आंगन और कमरे धंस गए हैं। इससे पहले एक मंदिर भी भू-धंसाव से क्षतिग्रस्त हो गया था। सिंहधार वार्ड के प्रभावित क्षेत्र में चार आवासीय भवन डेंजर जोन में हैं। इन मकानों की छत और आंगन धंसे हैं।
बाथरूम और कीचन तिरछे हुए
आपदा प्रभावित लोगों ने बताया कि क्षेत्र में लगातार भू-धंसाव हो रहा है। मकान आंखों के सामने टूट रहे हैं। पीड़ितों ने कहा कि रात काे राहत शिविरों में रहने के बाद दिन में एक बार अपने घरों को देखने पहुंचे हैं। कई मकानों की छत टूट गई है तो कई के आंगन धंसे हैं। सरकार की ओर से पुनर्वास के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।