देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर जोशीमठ में भू धंसाव के हालात की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री से आपदा राहत के लिए केंद्रीय सहायता देने का अनुरोध किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री से भेंट की। उन्होंने गृह मंत्री को अवगत कराया कि जोशीमठ शहर बदरीनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है। इसका महत्व सांस्कृतिक, सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से है। जोशीमठ शहर पुराने भूस्खलन की मोटी परत के मलबे के ऊपर बसा है।
बड़े स्तर पर पुनर्निर्माण की जरूरत
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्रीय तकनीकी संस्थानों से विचार विमर्श के बाद बताया गया कि क्षेत्र में बड़े स्तर पर पुनर्निर्माण की जरूरत है। इसका अंतिम आकलन तकनीकी परीक्षण समाप्त होने के बाद ही प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि अभी तुरंत राहत शिविरों की व्यवस्था, स्थायी पुनर्वास, प्री फेब्रीकेटेड ट्रांजिट शेल्टर, आवास निर्माण, नए स्थानों का विकास, मूल सुविधाएं, जिनमें स्कूल कॉलेज निर्माण, ड्रेनेज, सीवरेज, जोशीमठ पुनर्निर्माण, तकनीकी जांच, भूस्खलन रोकथाम, जल निकासी व्यवस्था, शहर में सीवर लाइन व्यवस्था, घरों को सीवर लाइन जोड़ने के कार्य होना हैं। इन सभी सुविधाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से सहायता मांगी है।
भवनों में दरारों का इतिहास पुराना
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि भू-स्खलन व भवनों में दरारों का इतिहास पुराना है। लेकिन गत दो जनवरी से भवनों में मोटी दरारें आनी शुरू हुई हैं। जेपी परियोजना के नीचे 500 एलपीएम की नई धारा फूटने के बाद से ये शिकायत अधिक मिली है।
भू-धंसाव से 25 हजार की आबादी प्रभावित
उन्होंने कहा कि क्षेत्र का 25 फीसद भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित हो चुका है। प्रभावित इलाकों में 25 हजार लोग निवास कर रहे हैं। पालिका क्षेत्र में लगभग 4,500 मकान दर्ज हैं। उसमें से 849 भवनों में अब तक चौड़ी दरारें आ चुकी हैं। अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार की संख्या अभी तक 250 हैं। सर्वे चल रहा है। प्रभावित परिवार तथा भवन में दरारों की संख्या निरंतर बढ़ रही हैं।