महाराष्ट्र में आज शाम महाविकास अघाड़ी की चुनावी रैली से पहले आज दोपहर आयोजित एक पत्रकार वार्ता को शरद पवार और उद्धव ठाकरे के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सम्बोधित किया। इस पत्रकार वार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के धुर विरोधी पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को अपरोक्ष रूप से उनकी औकात बता दी. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि फैसले आला कमान द्वारा लिए जाते हैं, अधीर रंजन फैसले नहीं लेते। इसलिए हाईकमान जो भी फैसला लेगा वो उन्हें मानना होगा और जो फैसला नहीं मानेगा उसे बाहर जाना होगा।
दरअसल पत्रकार ने सवाल पूछा था कि ममता बनर्जी के इंडिया गठबंधन को सरकार बनने की स्थिति में बाहर से समर्थन देंगी जिसपर अधीर रंजन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि ममता पर भरोसा नहीं किया जा सकता, वो भाजपा के साथ भी जा सकती हैं. इस सवाल के जवाब में खड़गे ने कहा कि ममता ने तो बाद ये भी कहा कि TMC इंडिया गठबंधन की सरकार में शामिल हो सकती है. इसका मतलब है कि वो इंडिया गठबंधन के साथ हैं ऐसे में अधीर रंजन की बात का कोई मतलब नहीं है कि वो क्या कह रहे हैं क्योंकि फैसले हम लेते हैं, कांग्रेस पार्टी लेती है, हाई कमान लेता है, इस लिए जो फैसला लिया जायेगा वो अधीर रंजन को भी मानना होगा और जो भी हाईकमान का फैसला नहीं मानेगा उसे बाहर जाना होगा.
पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि ऐसी हमें शिकायतें मिली हैं कि BJP पैसे बांटने का खेल कर रही है, इस तरह की भी शिकायतें मिली हैं कि जिन बस्तियों में BJP को लग रहा है कि उन्हें कम वोट मिलेंगे, वहां लोगों की उंगली पर पहले ही स्याही लगा रहे हैं। इससे ये होगा कि जिनकी उंगलियों पर स्याही लगी होगी वो वोट नहीं कर पाएंगे। हमने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है। खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी की ‘तोड़-फोड़’ नीति का महाराष्ट्र एक अकेला उदाहरण नहीं हैं। PM मोदी की तोड़-फोड़ नीति का वार इससे पहले कर्नाटक, मणिपुर, गोवा, मध्य प्रदेश में देखा जा चुका है। उनकी इस नीति के खिलाफ हम सभी साथ मिलकर लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र की सरकार धोखा और विश्वासघात के आधार पर बनाई गई है, जिसका समर्थन खुद PM मोदी कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नरेंद्र मोदी जहां भी जाते हैं, लोगों को भड़काने का काम करते हैं। मेरे आजतक के राजनीतिक जीवन में मैंने ऐसा नहीं देखा। BJP सरकार द्वारा एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर विपक्षी दलों को डराया जा रहा है, उन्हें तोड़ा जा रहा है। असली दलों से उनका पार्टी चिन्ह छीनकर BJP को समर्थन करने वाली पार्टियों को सौंप दिया गया है। नरेंद्र मोदी सिर्फ लोकतंत्र की बातें करते हैं, लेकिन कभी लोकतंत्र के हिसाब से नहीं चलते।