विश्व बैंक की ओर से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेश में रहने वाले भारतीयों ने पिछले साल यानी 2023 में भारत को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम भेजी है। जो भारत के बजट के करीब एक चौथाई के बराबर है। इसका मतलब है कि भारतीयों ने हर मिनट करीब दो करोड़ रुपये भारत भेजे हैं। वहीं, इसी अवधि में मैक्सिको को 66 अरब डॉलर मिले हैं। जो भारत के मुकाबले करीब आधा है।
दूसरी ओर, पाकिस्तान और चीन में आने वाला इस तरह का पैसा भारत के मुकाबले काफी कम है। चीन को विदेश से भेजी जाने वाली रकम 50 अरब डॉलर है। जो भारत के मुकाबले आधे से भी कम है। वहीं, फिलीपींस को रेमिटेंस के तौर पर 39 अरब डॉलर मिले, जो भारत के मुकाबले एक तिहाई है। खास बात यह है कि भले ही पाकिस्तान रेमिटेंस पाने वाले टॉप 5 देशों में शामिल है, लेकिन उसकी 27 अरब डॉलर की रेमिटेंस रकम भारत के मुकाबले एक चौथाई भी नहीं है।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2022 के दौरान मजबूत वृद्धि के बाद, कम और मध्यम आय वाले देशों (LMIC ) को आधिकारिक तौर पर भेजे गए पैसे या रेमिटेंस 2023 में घटकर 656 अरब डॉलर तक पहुंच गए। भारत के मामले में, 2023 में रेमिटेंस में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। यह 120 अरब डॉलर था। यह अमेरिका में इन्फ्लेशन में गिरावट और मजबूत लेबर मार्केट के लाभों को दर्शाता है। भारत से कुशल प्रवासियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा गंतव्य है। इसके अलावा, खाड़ी देशों (GCC ) में कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों की मांग का भी प्रेषण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।