नई दिल्ली। लंदन में भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी समर्थकों के हमले के बाद भारत ब्रिटेन से व्यापार वार्ता से पीछे हट गया है। हालांकि भारत के सरकारी सूत्रों ने ऐसी किसी भी खबर का खंडन किया है। लेकिन यह माना जा रहा है कि सरकार ने ब्रिटेन के साथ व्यापार वार्ता से कदम पीछे हटा लिए हैं। सूत्रों ने कहा कि ये खबरें ‘आधारहीन’ हैं। ब्रिटेन ने आधिकारिक तौर पर ऐसी किसी बात से इनकार किया है। ब्रिटेन की ओर से कहा गया है कि “पारस्परिक रूप से लाभकारी” मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर बातचीत सही दिशा में जारी है।
पिछले महीने समाप्त हुआ था बातचीत का दौर
ब्रिटेन के व्यापार विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन और भारत दोनों महत्वाकांक्षी और परस्पर लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और पिछले महीने व्यापार वार्ता का हालिया दौर संपन्न हुआ।
FTA पर बातचीत का अगला दौर 24 अप्रैल से लंदन में संभव
उन्होंने कहा कि सचिव जेम्स क्लेवरली ने भारतीय उच्चायोग के बाहर हिंसा के हालिया कृत्यों की निंदा की है और हम सुरक्षा की समीक्षा करने व कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेट्रोपॉलिटन पुलिस के साथ काम कर रहे हैं।” ब्रिटेन और भारत के बीच आठवें दौर की व्यापार वार्ता 20 से 31 मार्च तक चली थी। सरकारी सूत्रों ने कहा कि आधिकारिक वार्ता का अगला दौर 24 अप्रैल से लंदन में शुरू होने की संभावना है।
चरमपंथियों ने उच्चायोग पर किया था हमला
एक ब्रिटिश अखबार ने ब्रिटिश सरकार के सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि भारत ने सिख चरमपंथियों के हमले के बाद एफटीए पर वार्ता स्थगित कर दी है। खालिस्तान समर्थकों ने कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के खिलाफ बीते 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने इमारत की पहली मंजिल की बालकनी से भारतीय ध्वज को हटा दिया था, जिसके जवाब में भारतीय मिशन ने और भी बड़ा झंडा लगाया था।