हरिद्वार – धर्मनगरी हरिद्वार यू तो उत्तराखंड का प्रवेश द्वार और देश की आध्यात्मिक राजधानी कही जाती है लेकिन आजकल हरि के द्वार में अंगूरी का अलग ही जलवा देखने को मिल रहा है. जलवा भी ऐसा की सरकार के सिपहसालार की बांछे खिल गई. हम बात कर रहे हैं हरिद्वार में शराब के बढ़ते शौकीनों के चलते शराब की बढ़ती बिक्री की. पर्यटन और तीर्थाटन के लिए जाने जाने वाला हरिद्वार अब शराब से मिलने वाले सबसे अधिक राजस्व के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो सरकार द्वारा हरिद्वार के लिए तय किए गए 327 करोड़ के वार्षिक लक्ष्य को 2 महीने पहले ही पार कर लिया गया.
130 ठेको ने कमाए 327 करोड़
आध्यात्मिक नगरी हरिद्वार को यूं तो ड्राई एरिया के तौर पर जाना जाता है ड्राई एरिया यानी जहां पर मांस और मदिरा निषेध मानी जाती है लेकिन आबकारी विभाग के आंकड़े अब हरिद्वार की एस ड्राई एरिया वाले जिले से मुनाफे का सौदा नजर आ रहा है हरिद्वार आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 321 करोड़ का राजस्व ही हरिद्वार से प्राप्त हुआ था. वही इस वर्ष 15 से 20 परसेंट बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है. वही हरिद्वार जिले की बात करें तो हरिद्वार जिले में कुल 130 ठेके हैं जिसमें देसी शराब के 78 ठेके और 52 ठेके इंग्लिश वाइन शॉप के हैं.
आबकारी विभाग का उत्साह
हरिद्वार के जिला आबकारी अधिकारी प्रभा शंकर मिश्रा इन आंकड़ों से काफी उत्साहित हैं और बताते हैं कि हरिद्वार जिले मैं आपकारी विभाग को मिले राजस्व के लक्ष्य हासिल करने में अभी 2 महीने का समय बाकी है लेकिन अभी तक के नतीजे उत्साहवर्धन है जिससे समय से पहले लक्ष्य हासिल किए जाने की संभावना बन रही है. आपको बता दे की उत्तराखंड में शराब से सरकार को मोटा राजस्व मिलता है.