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अगर आप भी माता पूर्णागिरी की यात्रा करने की सोच रहे तो जान ले ये ज़रूरी बाते

उत्तराखंडअगर आप भी माता पूर्णागिरी की यात्रा करने की सोच रहे तो...

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ये तो सभी जानते है कि हिंदू धर्म में शक्तिपीठ की कितनी मान्यता होती है। हर कोई इनके दर्शन करना चाहता है और लोग बहुत दूर दूर से आते भी है और वहां आकर लोग अपने मन की मुराद माता रानी से मांगते है। इनमें से एक सिद्धपीठ है भी पूर्णागिरी। यह सिद्धपीठ उत्तराखंड राज्य के टनकपुर शहर में स्थित है। आपको बता दे की यहां पर महाकाली की पूजा होती है।

ऐसा माना जाता है कि जब भगवान विष्णु ने माता सती के दह को अलग-अलग भागों में बांटा था तब इसी स्थान पर आकर उनकी नाभि गिरी थी, इसलिए भी ये जगह इतनी पवित्र है । और इसलिए ये स्थान 108 सिद्धपीठ में से भी एक है। कुछ लोग पूर्णागिरी तो कुछ लोग इन्हे पुण्यगिरी के नाम से भी जानते हैं।

आपको नहीं पता है तो हम आपको बता दे कि ये जगह नेपाल सीमा पर बसे चम्पावत जनपथ के दक्षिण भाग में आता है। तो अगर आप भी अपने परिवार के साथ यहां जाना चाहते है तो इन बातो का जानना आपके लिए बहुत ज़रूरी है-

कैर्री करने के लिए जरूरी चीजें

ऐसा कई बार होता है कि हम जल्दबाजी में कुछ न कुछ भूल ज़रूर जाते है। लेकिन इस बार आप न भूले इसके लिए हम आपको याद दिला रहे है कि आप अपने साथ क्या क्या कैर्री करे, क्योकि कुछ चीजे ऐसी है जिनकी ज़रूरत आपको यात्रा के समय पड़ेगी ही पड़ेगी। सबसे पहले तो आधार कार्ड, कैश और दवाईयां आदि। वहां पर सिग्नल कम आते है जिसकी वजह से आपका यूपीआई काम नहीं करेगा , तो आपके पास हमेशा थोड़ा कैश तो होना ही चाहिए।

आरामदायक कपड़े और शूज

आपको बता दे कि इस यात्रा में आपको 3 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई मिलती है। ऐसे में आपके पास कम्फर्टेबल कपड़े और साथ में शूज
होना बहुत ज़रूरी है। अगर आपके पास ये दोनों चीजे होगी तो आपको यात्रा करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। साथ ही चलने में भी काफी आसानी महसूस होगी। आप चाहे तो थोड़े लूज कुर्ते या टीशर्ट भी ले जा सकते हैं। जिसके साथ आप स्पोर्ट शूज को पेयर कर सकती हैं।

जाने का सही समय

वैसे तो आप इस मंदिर में दर्शन करने कभी जा सकते है , क्योकि ये मंदिर हमेशा खुला रहता है। लेकिन कोशिश करें कि, बहुत गर्मी और बरसात के मौसम में यहां न जाएं , क्योंकि अगर तेज गर्मी में यहां जायेंगे तो तेज धूप के कारण आपको चढ़ाई करने में मुश्किल होगी। वहीं बाद अगर बरसात की करे तो ये मौसम थोड़ा खतरनाक हो जाता है इसलिए इस मौसम में भी आपको यहां नहीं आना चाहिए । आपको कोशिश यही करनी चाहिए की आप यहां बरसात के बाद आए । उस समय आपको भीड़ भी कम मिलेगी और आपको दर्शन भी बहुत अच्छे से हो होंगे।

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