कहते हैं कि नाम में क्या रखा है लेकिन जब बात गुजरात की हो और आपका नाम अमित शाह हो तो नाम में बहुत कुछ रखा होता है. दरअसल भाजपा ने इस बार अमित शाह को अहमदाबाद की एलिसब्रिज सीट से मैदान में उतारा है, दिलचस्प बात यह है कि इस सीट के लिए भाजपा की तरफ से 25 दावेदार थे लेकिन अमित शाह के आगे किसकी चलती, आखिर यहाँ से टिकट उन्हें ही मिला। लेकिन ठहरिये, बात को थोड़ा साफ़ कर दें. दरअसल एलिसब्रिज सीट से जिस अमित शाह को टिकट मिला है उनका पूरा नाम अमित अनिल चंद्र शाह न होकर अमित पोपट लाल शाह है. अमित अनिल चंद्र शाह तो देश के गृह मंत्री है और वह गुजरात में चुनाव लड़ नहीं लड़वा रहे हैं.
राजनीति नामों का उपयोग/दुरूपयोग आम बात
बहरहाल अमित पोपट लाल शाह फ़िलहाल अपने पूरे नाम का प्रयोग न कर सिर्फ अमित शाह के नाम से काम चलाते दिख रहे हैं, इसीलिए कहते हैं कि नाम में अब बहुत कुछ रखा होता है, विशेषकर राजनीती में. एकजैसे नामों का प्रयोग या फिर कह सकते हैं कि दुरूपयोग तो राजनीति में आम बात है, चुनाव में अक्सर देखा गया है कि मज़बूत उम्मीदवार के नाम वाला कोई और उम्मीदवार निर्दलीय रूप में उतारा जाता है ताकि कुछ अज्ञानी तो अपना वोट धोखे में खराब ही करेंगे।
सबसे सुरक्षित सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं यह वाले अमित शाह
बात अगर अहमदाबाद की एलिसब्रिज सीट की करें तो पिछले तीन दशक से यहाँ पर भाजपा का आधिपत्य है. अब आप समझ सकते हैं इन अमित शाह के नाम में पोपट ज़रूर लगा है लेकिन वो पोपट हैं नहीं वरना इतनी सुरक्षित सीट उन्हें क्यों मिलती। जानकारी के मुताबिक यह वाले अमित शाह संघ के काफी करीबी बताये जाते हैं, उम्र में यह गृह मंत्री वाले अमित शाह से बड़े हैं. पेशे से वकील हैं और हिसाब-किताब में काफी माहिर हैं.