गुजरात विधानसभा के चुनाव की तारीखों का एलान हिमाचल प्रदेश के साथ न करने पर निर्वाचन आयोग को विपक्षी पार्टियों का निशाना बनना पड़ा था, विपक्ष ने साफ़ तौर पर आरोप लगाया था कि दरअसल प्रधानमंत्री मोदी को कुछ और चुनावी घोषणाओं का एलान करने के लिए समय दिया जा रहा है वहीँ निर्वाचन आयोग ने जवाब में परंपरा की दुहाई देते हुए कहा था कि वो उसका निबाह कर रहा है, बहरहाल अब जानकारी सामने आयी है कि प्रधानमंत्री मोदी के 31 अक्टूबर के गुजरात दौरे के बाद 1 नवंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान निर्वाचन आयोग कर सकता है.
बता दें कि 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे पर जा रहे हैं जहाँ वो सरदार पटेल की जयंती के दिन स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर होने वाले एकता पुलिस परेड में शिरकत करेंगे, इस मौके पर वो सभी राज्यों की पुलिस के लिए एक बड़ा एलान कर सकते हैं. इसके अलावा जांबुघोडा में आदिवासियों को भी संबोधित करेंगे, यहाँ भी इस समुदाय के लिए कुछ बड़े चुनावी वादों के एलान की बात कही जा रही है. प्रधानमंत्री बनासकांठा में उत्तर गुजरात को मिलने वाली पानी योजना का लोकार्पण भी करेंगे, गुजरात सरकार ने कल ही इस बारे में में एलान किया था कि अब गुजरात के हर घर में पानी मिलेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह आखरी सरकारी चुनावी दौरा हो सकता है .
जानकारी के मुताबिक निर्वाचन आयोग गुजरात में दो चरणों में चुनाव की तैयारी कर रहा है. पहला चरण 1 या 2 दिसंबर को और दूसरा चरण 4 या 5 दिसंबर को हो सकता है वहीं नतीजे 8 दिसंबर को आने की बात कही जा रही है. गुजरात चुनाव को लेकर जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक विपक्ष के उन आरोपों में पूरा दम नज़र आता है कि निर्वाचन आयोग ने सत्ताधारी पार्टी को चुनावी घोषणाएं करने का समय दिया है. विपक्ष का आरोप था कि अगर हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात चुनावों की तारीखों का एलान होता तो अचार संहिता के कारण भाजपा को चुनावी घोषणाएं करने का अतिरिक्त समय नहीं मिल पाता।