Manipur Violence: मणिपुर में हालात काफी खराब होते जा रहे हैं। थाना और पुलिस चौकियों से हथियार लूटे जा रहे हैं। इसके चलते हालात खराब होते जा रहे हैं। पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचानी भारी पड़ रही है। पुलिसकर्मी गश्त में वर्दी पहनकर निकलने से डर रहे हैं। ना जाने कब वो हिंसक भीड़ का शिकार हो जाएं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मणिपुर के जिलों में पुलिस से लूट गए 1057 हथियार और 14201 गोला-बारूद बरामद किए हैं। पहाड़ी जिलों में 138 हथियार और 121 गोला-बारूद जब्त किए हैं। इसी के साथ अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
मणिपुर में बीते कई महीनों से हिंसा हो रही है। हिंसा के चलते आए दिन पुलिस चौकी और थाने को निशाना बनाया जा रहा है। थानों और चौकियों से हथियार लूटे जा रहे हैं। हिंसा के बीच ही एक रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें कहा है कि घाटी के जिलों में पुलिस स्टेशनों और शस्त्रागारों से हथियार और गोला-बारूद लूटे हैं। हालांकि, मणिपुर पुलिस ने साफ किया है कि पुलिस स्टेशन से हथियार लूटने की जानकारी गलत है। उनका कहना है कि लूटे हथियार और गोला-बारूद बरामदगी के लिए सुरक्षा बल पहाड़ी और घाटी इलाकों में छापेमारी कर रही है।
हथियार किए गए जब्त
पुलिस के मुताबिक, मणिपुर के घाटी जिलों में 1057 हथियार और 14201 गोला-बारूद बरामद किए हैं। जबकि पहाड़ी जिलों में 138 हथियार और 121 गोला-बारूद जब्त किए हैं। पुलिस का कहना है कि अपराधियों की गिरफ्तारी को छापेमारी हो रही है।
दो आरोपियों को दबोचा
मणिपुर पुलिस के मुताबिक शनिवार शाम न्यू कीथेल्मनबी पुलिस स्टेशन क्षेत्र के गांव ए मुंगचमकोम में आतंकवादियों के साथ जीआर और 21 एसएफ की संयुक्त टीम के बीच हुई गोलीबारी में एक युवक को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा एक और व्यक्ति को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है।
हिंसक भीड़ कर रही हथियार छीनने की कोशिश
उन्होंने बताया तीन अगस्त की घटना में सुरक्षाबल 15 हथियार बरामद कर चुके हैं। इंफाल-पश्चिम जिले के लिलोंग चाजिंग में तौपोकपी पुलिस चौकी में कल एक पुलिस टीम से हथियार छीनने का प्रयास किया गया। हालांकि, पुलिस सतर्क हो गई और पीछा करके हथियार बरामद कर लिए हैं।
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा की मांग के विरोध में मणिपुर में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजन के बाद से हिंसक झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में उसके बाद से कम से कम 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। राज्य में हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।