रंजीता सिन्हा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों को लेकर चल रहे एक्जिट पोलों में भले अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक दलों की सरकारें बनने की संभावना जतायी गई हो, पर हकीकत तो यह है जब ईवीएम से असल परिणाम निकले तो अच्छे-अच्छे समीक्षक भौचक रह गये। पांच राज्यों के अंतिम चरण का मतदान सोमवार शाम छह बजे तक सम्पन्न हुआ और उसके ठीक आधा घंटा बाद देश के अधिकांश खबरिया चैनलों ने पांच राज्यों में बनने वाली सरकार का खाका खींच दिया। हालांकि इन राज्यों में मतगणना 10 मार्च की सुबह शुरू होगी और शाम तक परिणाम सामने होंगे, लेकिन टीवी चैनलों ने अपने या किसी सर्वे एजेंसी के माध्यमत से न केवल सरकारें बल्कि संभावित मुख्यमंत्री भी तय कर दिये। इतिहास गवाह है कि इन चैनलों के एक्जिट पोल (Exit Poll 2022) की अकसर ही पोल खुली है।
Read also: विधानसभा चुनाव एक्जिट पोल: पंजाब में आप, उत्तराखंड में कांग्रेस आगे
हम यह कह सकते हैं, अपनी पीठ थपथपा सकते हैं कि हमने संचार क्रांति में कीर्तिमान स्थापित किया है, लेकिन हम यह भूल रहे हैं कि संचार क्राति तकनीकि दृष्टि से चाहे जितनी उन्नति कर ले अपने व्यवहारिक रूप से जमीनी सभ्यता को कैच नहीं कर सकती। आज टीवी पत्रकारिता न समाजसेवा का माध्यम है और न ही देशभक्ति का यह केवल सरकारी प्रचार का माध्यम बनकर रह गई है। यह व्यक्तिवादी या दलीय राष्ट्रगान राष्ट्रभक्ति के नाम पर होता है।
ताजा खबरों में एक्जिट पोल (Exit Poll 2022) ने चार राज्यों में बीजेपी की बहुमत की सरकार बनायी है। इन एक्जिट पोल्स की हकीकत समझने के लिए सिर्फ दो बानगी ही काफी है। 2017 के यूपी चुनाव और 2021 के पश्चिम बंगाल इलेक्शन के उदहारण हमारे सामने हैं। 2017 के एक्जिट पोलों में किसी भी एजेंसी के सर्वे ने बीजेपी को 300 सीटें मिलने की संभावना नही जतायी थी। हालांकि एक एजेंसी ने इन सबसे अलग बीजेपी को 250 तक का आंकड़ा ही छुवाया था।
हर एजेंसी ने समाजवादी पार्टी को 100 से लेकर 150 सीटें दिलवाई थीं। जबकि हकीकत में सपा महज 54 सीटें ही जीत सकी थी। वहीं बीजेपी 300 पार रही। पोल में बसपा को 70 से 80 सीटें दीं गईं थीं। जबकि वह मात्र 19 सीटें ही जीत सकी। एक्जिट पोल की पोल उसी वक्त खुल गई थी। सारे आंकड़े धूल-धूलसरित हो गये थे।
कुछ ऐसा ही 2021 के वेस्ट बंगाल विधानसभा चुनाव (2021 West Bengal assembly elections) में हुआ था। अधिकांश एक्जिट पोल एजेंसियों ने टीएमसी को 128 से 164 सीटें जीतने का दावा किया था। बीजेपी को 109 से लेकर 148 सीटें जीतते हुए दिखाया गया था। नतीजे बिल्कुल विपरीत थे। टीएमसी ने सबका सूपड़ा साफ कर दिया था और 213 सीटों पर विजय पायी थी। एक्जिट पोलों ने वेस्ट बंगाल में कांगे्रस को 11 से 26 सीटें दीं थीं जबकि उसे मिला था सिर्फ सिफर।
Read also: पंजाब में सरकार बनाने की दौड़ में सबसे आगे आप
हमारा अनुमान है कि इस बार समाजवादी पार्टी को लगभग 210, भारतीय जनता पार्टी को लगभग 165, बहुजन समाज पार्टी को 11 जबकि कांग्रेस को 12 और अन्य 5 सीटों पर सिमट जाएंगे। ऐसे में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी को सरकार बनाने का मौका मिल सकता है। हालांकि इन सारे अनुमानों का जवाब उस हकीकत से मिलेगा जो 10 मार्च की शाम तक हम सभी को आईना दिखाने वाली है।