सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक चुनाव आयोग ने गुरुवार 14 मार्च को स्टेट बैंक द्वारा दिए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े पीडीऍफ़ फॉर्म में सार्वजनिक कर दिये। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक समय दिया था लेकिन चुनाव आयोग ने तेज़ी दिखाते हुए उसे एक दिन पहले ही अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया
चुनाव आयोग ने ‘एसबीआई द्वारा दिए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के विवरणों को पीडीएफ फॉर्म में दो हिस्सों में अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है। चुनाव आयोग द्वारा कहा गया कि कि सारा विवरण ‘जैसा है, जहां है’ आधार पर वेबसाइट पर डाला गया है। चुनाव आयोग ने इसके लिए इन विवरणों का लिंक भी शेयर किया है, जहाँ पर जाकर आप आंकड़ों को देख सकते हैं. इसके लिए आप नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके जानकारी हासिल कर सकते हैं
https://www.eci.gov.in/disclosure-of-electoral-bonds
चुनाव आयोग द्वारा दो हिस्सों में अपलोड किये गए आंकड़ों में एक हिस्सा वो जहाँ इलेक्टोरल बांड खरीदने वालों का नाम है और दूसरे पीडीएफ में जिन दलों ने इलेक्टोरल बांड को भुनाया उनका नाम है, हालाँकि किस दल ने किन लोगों का इलेक्टोरल बांड भुनाया इसके बारे में कोई भी जानकारी या स्पष्टता नहीं है. जो आंकड़े अपलोड किये गए हैं उनमें दानदाताओं में पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, मेघा इंजीनियरिंग, वेदांता लिमिटेड, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, अपोलो टायर्स, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, और सन फार्मा जैसी कम्पनियाँ शामिल हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों में सबसे ऊपर भारतीय जनता पार्टी है, इसके बाद एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस, द्रमुक, जेडीएस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आप, आरजेडी और समाजवादी पार्टी शामिल हैं।