Direct Tax Collection: चालू वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 15 जून तक प्रत्यक्ष कर संग्रह (direct tax collection) 36 प्रतिशत बढ़कर 3.78 लाख करोड़ रुपये हो गया है। कंपनियों और व्यक्तिगत टैक्स से अधिक अग्रिम कर मिलने के कारण प्रत्यक्ष कर संग्रह इस बार बढ़ा है। कर संग्रह में वृद्धि से आर्थिक वृद्धि तेज होने कंपनियों का प्रदर्शन सुधरने के संकेत मिलते हैं।
वित्त वर्ष 2024 तिमाही (1 अप्रैल से 1 जून तक 2023) में 1.16 लाख करोड़ रुपये का सरकार को अग्रिम कर मिला है। अग्रिम निगमित कर इसमें 92,173 करोड़ रुपए और 23,513 करोड़ रुपए अग्रिम व्यक्तिगत आयकर है। अग्रिम कर की पहली किस्त जमा करने की अंतिम तारीख 15 जून 2023 थी। कर संग्रह बढ़ने में अग्रिम कर के अतिरिक्त अन्य स्रोत पर कर कटौती (TDS) का बड़ा योगदान रहा है। TDS मद में करीब 2.69 लाख करोड़ रुपए मिले हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कर संग्रह का यह शुरुआती डेटा है। बैंकों से अधिक जानकारी मिलने पर आंकड़ों में और बदलाव होंगे। जो कि और भी बेहतर हो सकते हैं। किसी भी वित्त वर्ष में कंपनियां और व्यक्तिगत करदाता चार किस्तों में एडवांस कर चुकाते हैं। पहली तिमाही के तौर पर अनुमानित कर पूरी देनदारी का 15 प्रतिशत हिस्सा पहली तिमाही में भरना होता है। इसके बाद सितंबर और दिसंबर तिमाही में कुल कर देनदारी का 25-25 प्रतिशत भुगतान किया जाता है। बची हुई शेष 35 प्रतिशत की कर राशि का भुगतान मार्च में किया जाता है।
कर प्राप्ति के आंकड़ों का विश्लेषण
कर प्राप्ति के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि 1 अप्रैल 2023 से 15 जून 2023 के बीच शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 35.32 प्रतिशत से बढ़कर 3.78 लाख करोड़ रुपए हो गया है। जो वित्त वर्ष 2023 की समान अवधि में 2.80 लाख करोड़ रुपए था। इस दौरान शुद्ध कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के बजट लक्ष्य 18.2 लाख करोड़ रुपए का 20.77 प्रतिशत रहा। इनमें निगमित कर के तौर पर 1.87 लाख करोड़ रुपए और व्यक्तिगत आयकर मद में 2.26 लाख करोड़ रुपए मिले हैं।
कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह
प्रत्यक्ष कर संग्रह लगभग 4.18 लाख करोड़ रुपए रहा। 2023 के चालू वित्त साल में अभी तक 39,390 करोड़ रुपए का रिफंड जारी हो चुका है। प्रतिभूति लेन-देन कर संग्रह 4,731 करोड़ रुपए के साथ इस साल काफी अच्छा रहा है। इसके अलावा स्वयं आकलन कर भरे गए कर 19,834 करोड़ रुपए, नियमित आकलन कर 9,911 करोड़ रुपए और लाभांश वितरण कर 908 करोड़ रुपए रहा है।
वित्त वर्ष 2023 में प्रत्यक्ष कर संग्रह
वित्त वर्ष 2023 में प्रत्यक्ष कर संग्रह में इजाफा हुआ था। 2022—23 वित्त वर्ष में शुद्ध संग्रह (अस्थायी) 16.21 लाख करोड़ रुपए रहा था जो बजट अनुमान से काफी अधिक है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले इसमें 18 फीसद की बढ़त दर्ज की गई है। मगर अभी वित्त वर्ष 2023 के वास्तविक आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
प्रत्यक्ष कर एकत्र लिस्ट में मुंबई शीर्ष पर है। जहां से लगभग 1.07 लाख करोड़ रुपए कर के रूप में आए हैं। यह रकम पिछले साल की तुलना में 42 फीसद से अधिक है। दूसरे नंबर पर मुंबई के बाद कर्नाटक (46,696 करोड़ रुपये) और तीसरे नंबर पर दिल्ली (44,350 करोड़ रुपये) में सबसे अधिक प्रत्यक्ष संग्रह कर देने वालों में है। पुणे में कर संग्रह 31 प्रतिशत और तमिलनाडु में 36 फीसद तक बढ़ा है।