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Sonprayag – उत्तराखंड प्रयाग में स्नान करने से मिलता है “बैकुंठ धाम”

धर्मSonprayag - उत्तराखंड प्रयाग में स्नान करने से मिलता है "बैकुंठ धाम"

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रुद्रप्रयाग – उत्तराखंड में पांच प्रयाग के बारे में आपने सुना ही होगा. इन पांच प्रयाग में से एक “सोनप्रयाग” जिसे केदारनाथ यात्रा का एक अहम पड़ाव भी माना जाता है, के बारे में आपको बताते हैं. सोनप्रयाग न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है अपितु यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम नजारों से यहां आने वाले सैलानियों को अपनी और आकर्षित करता है. सोनप्रयाग में मंदाकिनी और बसुकी नदी का संगम होता है जो इसकी धार्मिक महत्व को और भी बढ़ा देता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस संगम में स्नान करने से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है आज हम आपको सोनप्रयाग और और उसके आसपास के स्थानों के बारे में बताते हैं जो आपकी केदारनाथ यात्रा के धार्मिक आनंद को कई गुना बढ़ा देता है.

बैकुंठ धाम की आस

उत्तराखंड के पंच प्रयाग में देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, विष्णुप्रयाग, सोनप्रयाग और करणप्रयाग शामिल है. जिसमें सोनप्रयाग को केदारनाथ यात्रा का अहम पड़ाव माना जाता है. 2013 की आपदा के बाद से सोनप्रयाग से ही केदारनाथ की पैदल यात्रा शुरू होती थी. समुद्र तल से करीब 1829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ‘सोनप्रयाग’ को लेकर कहा जाता है कि भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह यही हुआ था. माना यह भी जाता है कि मंदाकिनी और वसुकी नदी के संगम पर स्नान करने से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है. केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु सोनप्रयाग में पवित्र स्नान कर पुण्य का लाभ लेते हैं.

आसपास घूमने की जगह

जनसंख्या की दृष्टि से उत्तराखंड का सबसे छोटा जिला रुद्रप्रयाग में यो तो आपको धार्मिक और पर्यटन तेलिया से कई जगह मिलेंगे जहां आप अपनी छुट्टियों का आनंद ले सकते हैं लेकिन यदि आप सोनप्रयाग के आसपास के पर्यटन स्थलों की बात करें तो यहां आपको गुप्तकाशी, अगस्त मुनि, गौरीकुंड, चोपता और केदारनाथ मंदिर जैसे आकर्षक और रोमांचक पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे. जहां आप धार्मिक लाभ लेने के साथ-साथ प्रकृति की गोद में रोमांचकता की भी अनुभूति करेंगे.

गौरीकुंड सोनप्रयाग से गौरीकुंड 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. करीब 1982 मीटर की ऊंचाई वाले गौरीकुंड को केदारनाथ यात्रा का अंतिम बस स्टैंड माना जाता है. कहा जाता है कि यहां पर भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए माता पार्वती ने तपस्या की थी. इसके अलावा सोनप्रयाग से आपको बाबा केदारनाथ के दरबार, गुप्तकाशी, खिरसू जैसी रमणीक स्थानों का विजिट भी किया जा सकता है. तो अगली बार जब भी आप बाबा केदारनाथ की यात्रा पर आए तो 1 दिन सोनप्रयाग और उसके आसपास पर्यटन स्थलों का भी भ्रमण करें.

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