मेरठ। हिंदू धर्म के अनुसार साल में चार नवरात्र होती है। लेकिन लोग केवल दो नवरात्र के बारे में ही जानते हैं। ये दो नवरात्र चैत्र व शारदीय नवरा है। जबकि इनके अलावा आषाढ़ और माघ के महीने में भी नवरात्र आते हैं। इन नवरात्र केा गुप्त नवरात्र कहते हैं। इस बार आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्र का प्रारंभ आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा 30 जून, गुरुवार को होगा। यह आषाढ़ शुक्ल नवमी आठ जुलाई, शुक्रवार को समाप्त होगें। गुप्त नवरात्र पर कैसे पूजा करें कि मनवाछित फल की प्राप्ति हो। इसके लिए हम आपको बता रहे हैं।
Read also: अधिकमास लगने से पितृपक्ष के 1 महीने बाद शुरू होगा नवरात्र
शत्रु को मित्र बनाने के लिए
नवरात्र में अच्छे संकल्पों को पोषित करने,रक्षा करने, मनोवांछित सिद्धि प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग है।
नवरात्र के दिन स्नान आदि से निवृत हो माथे पर तिलक लगाके दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र ‘हूं’ अथवा ‘अं रां अं’ मंत्र की इक्कीस माला जप करे और ‘श्री गुरुगीता’ का पाठ करें तो शत्रु भी आपके मित्र बन जायेंगे।
महिलाओं केा विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग :—
जिन महिलाओं को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं। वे नवरात्र के पहले दिन देवी स्थापना कर दिया जलायें और कुमकुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें। पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :
अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले।।
भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्र के पहले दिन इस तरह पूजा करने से महिलाओं के कष्टों का जल्दी निवारण होता है।
महिलाओं के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग :—
शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें। जैसे जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं। नमक मिर्च का भोजन अगले दिन ही करें।
इस दिन ” ॐ ह्रीं गौरये नमः ” मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुमकुम का तिलक लगाए। गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ और रोटी खिलाए।
Read also: रसोई गैस के दाम में वृद्धि, नवरात्र पर वार : कांग्रेस
धन की प्राप्ति हेतु :—
नवरात्र में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से धन की प्राप्ति होती है मंत्र ध्यान से पढ़ें। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह।
विद्यार्थियों के लिए :— प्रथम नवरात्र के दिन छात्र अपनी किताबों को ईशान कोण में रख पूजन करें और नवरात्र के तीसरे तीन दिन सारस्वत्य मंत्र का जप करें। इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में सफलता मिलती है। बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का ध्यान करें। जिनको गुरुमंत्र मिला है वो लोग गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्य का ध्यान करें। अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्र में करने से धन लाभ होगा।